जल संकट: जमुआ के कारीचट्टान गांव में पिछले एक वर्ष से आठ में चार चापानल खराब, विभाग बना मुखदर्शक

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Last Updated on June 7, 2024 by Gopi Krishna Verma

जमुआ। प्रखंड में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की उदासीनता का खामियाज़ा यहां की जनता को भुगतना पड़ रहा है।

जानकारी के मुताबिक प्रखंड़ क्षेत्र के बलगो पंचायत के कारीचट्टान गांव जहां की आबादी लगभग दो हज़ार की है और पेयजल के लिए के लिए मात्र आठ चापानल है जिसमें पिछले एक वर्षों से चार चापानल खराब पड़ा है, जिससे आम अवाम को पेजयल के लिए आधा किलोमीटर दूर जाकर दूसरे के घरों के निकट लगे चापानल से पीने का पानी लाने को मजबूर है। वहीं नहाने एवं कपड़ा धोने हेतु बगल में मनरेगा से बने सिचाई कूप का सहारा लेना पड़ रहा है।

गुरुवार को वट सावित्री पूजा के दिन गांव की महिलाओं को स्नान करने के लिए भारी फजीहत का सामना करना पड़ा।

उक्त गांव की महिला कविता देवी, गुड़िया देवी, मीना देवी, बसंती देवी कंचन देवी, जागेश्वर राम, संदीप कुमार, रोहन राम, विनोद राम, बालेश्वर राम, मोहन राम, नुनु राम, नकुल राम, कोल्हा राम, बहादुर राम सहित दर्जनों महिला एवं पुरुषों ने एक स्वर में कहा कि अगर चार दिनों के अंदर खराब पड़े चारों चापानल नहीं बनाया गया तो वे लोग उग्र आंदोलन कर पीएचईडी कार्यालय का घेराव करेंगे।

महिलाओं ने कहा कि कल वट सावित्री पूजा के दिन पानी के लिए बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इधर वार्ड सदस्य प्रतिनिधि जागेश्वर राम ने बताया कि संबंधित विभाग को हमने दर्जनों बार लिखित एवं मौखिक कह कर उक्त सभी चापानल बनवाने का आग्रह किया; लेकिन विभाग मेरे आवेदन पर आज तक विचार नहीं किया। कहा कि हमलोग प्राइवेट मिस्त्री को भी बुला कर बनवाने की कोशिश किये लेकिन उतना खर्च वाहन नहीं कर पाने के कारण नही बना पाए।

इधर मुखिया प्रतिनिधि रोहित दास ने कहा कि ग्रामीणों द्वारा तो संबंधित विभाग को आवेदन दिया ही गया।उसके बावजूद उनके द्वारा भी उनके लेटरपेड पर पिछले पांच मार्च एवं 12 अप्रैल 2024 को दिया गया। बावजूद अब तक इस दिशा में कोई पहल नहीं किया गया जो खेद की बात है।

इधर विभाग के कनीय अभियंता चंदन कुमार दास ने कहा कि मामला संज्ञान में नहीं है। अभी वे नए-नए आए है। वैसे इस दो दिनों के अंदर सभी खराब पड़े चापानल बनवा दिया जाएगा। कहा कि उसमें संबंधित संवेदक की लापरवाही है।

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