विश्व प्रसिद्ध रामकथा वाचक मारोरी बापू को मधुबन में सुनने पहुंचे हैं विदेशी
Last Updated on June 16, 2024 by Gopi Krishna Verma
गिरिडीह। जैनियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन के पावन धरती पर आध्यात्मिक संत सह प्रसिद्ध रामकथा वाचक मारोरी बापू की 9 दिवसीय रामकथा की शुरूआत हुई।
मोरारी बापू के मधुबन के मकर संक्राति मैदान पहुंचने के बाद कार्यक्रम स्थल जय श्री राम और जय हनुमान के जयकारों से गूंज उठा। कार्यक्रम स्थल पहुंचते ही सबसे पहले संगीतमय हनुमान चालिस पाठ किया गया।संगीतमय हनुमान चालिसा पाठ के शुरू होते ही पूरा कार्यक्रम स्थल भक्तिमय हो उठा।
अपने प्रवचन की शुरूआत मोरारी बापू ने हनुमान जी के भजन के साथ की। इस दौरान मोरारी बापू ने कहा कि रामचरितमानस का मंगलाचरण सात मंत्रों से हुआ है। मोरारी बापू ने गुरु शब्द पर भी व्याख्या दिया। गुरु महिमा के बारे में बताते हुए रामचरितमानस की चौपाई संगीतमय धुन में सुनकर श्रद्धालु भक्ति रंग में सराबोर हो गए। उन्होंने कहा कि दृष्टि विवेकमय होनी चाहिए।
मोरारी बापू के रामकथा सुनने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु मधुबन पहुंचे हुए है। मधुबन में आयोजित मोरारी बापू के रामकथा सुनने के लिए केलिफोर्निया, नेपाल, भूटान, अमेरिका, दिल्ली, मुंबई, राजस्थान, गुजरात, यूपी, बंगाल, झारखंड, बिहार के अलावे देश के कई राज्यों से श्रद्धालु मधुबन पहुंचे हुए है। बाहर से आये श्रद्धालुओं के होटल में रहने के साथ-साथ भोजन की भी व्यवस्था आयोजक समिति के द्वारा की गई है। वहीं देश-विदेश से श्रद्धालुओं के पहुंचने के बाद मधुबन के बाजार में भी रौनक बढ़ गयी है।