जमुआ प्रखंड़ मुख्यालय में कथित तौर पर व्यापक रुप से नहीं हुआ योग दिवस का आयोजन, लोगों में आक्रोश
Last Updated on June 21, 2024 by Gopi Krishna Verma
जमुआ। एक तरफ जहां पूरा विश्व भारत की अगुवाई में योग और प्राणायाम की गंगा में डुबकी लगा रहा है। विश्व के कौने-कौने में अंतराष्ट्रीय योग दिवस की धूम मच रही है। वहीं ऐसे में जमुआ प्रखंड पदाधिकारियों द्वारा कथित तौर पर इसकी अनदेखी करना चर्चा का विषय बना हुआ है।
बताया जाता है बीते दस वर्षों से यहां योग दिवस बहुत धूमधाम से मनाया जाता रहा है। इसकी तैयारी को लेकर एक सप्ताह पहले से हीं अधिकारी एलर्ट मोड में आ जाते रहे हैं। गांव-गांव में प्रचार-प्रसार और योग प्रोटोकॉल का अभ्यास 10 दिन पहले से हीं शुरू हो जाती थी। 21 जून योग दिवस के अवसर पर अहले सुबह विशाल टेंट, लाउडस्पीकर लगाकर प्रशिक्षक द्वारा संपूर्ण योग क्रिया प्रोटोकॉल के अनुसार करवाई जाती रही है। इस अवसर पर प्रखंड, अंचल, थाना और अन्य विभाग के सैकड़ों कर्मियों, पदाधिकारियों के अलावा बड़ी संख्या में आमजनों की भी उपस्थिति रहती थी; लेकिन इस बार 10वें योग दिवस के अवसर पर पदाधिकारियों ने इस कार्यक्रम की सुध ही नहीं ली। ना ही इसको मनाने को लेकर कोई बैठक की गई, न ही प्रचार-प्रसार किया गया और न ही योग दिवस मनाया ही गया।
जमुआ के जनप्रतिनिधि, बुद्धजीवी इंतजार करते रहे; लेकिन जमुआ में इस बार योग दिवस का आयोजन नहीं किया गया। इस संबंध में बार-बार पूछने पर भी जमुआ बीडीओ कमलेंद्र कुमार सिन्हा और जमुआ सीओ संजय कुमार पांडेय ने कुछ भी कहने से इनकार किया।
विजय चौरसिया योग प्रशिक्षक और भाजपा ने कहा कि यह बहुत दु:खद है। पदाधिकारियों की ओछी मानसिकता का धोतक है। बोले वे यहां 2015 से जब से भारत सरकार ने योग दिवस की घोषणा की है योग का प्रशिक्षण देता आया है। इसके लिए जमुआ बीडीओ कार्यालय द्वारा उनके नाम से बकायदा आमंत्रण और आग्रह पत्र आता रहा है। बैठकें और योग दिवस का प्रचार-प्रसार होता रहा है। यह पहली बार है कि यहां योग दिवस नहीं मनाया गया। वे इंतजार करते रहे; लेकिन न कोई सूचना दी गई और न ही दिवस मनाया गया।
कहा कि यह प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश का उल्लंघन है और वे इस संबंध में भारत सरकार के आयुष मंत्रालय, प्रधानमंत्री कार्यालय और महामहिम को पत्र लिख रहे हैं। ऐसे मानसिकता वाले पदाधिकारियों पर करवाई की आवश्यकता है।