महिलाओं की आमदनी बढ़ेगी तो घर में बढेगा सम्मान: मणिकांत

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Last Updated on June 30, 2024 by Gopi Krishna Verma

महिलाओं को पूंजी उपलब्ध करायेगा बैंक:श्रुति सिन्हा

गिरिडीह। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड ) के सौजन्य से आइडिया गिरिडीह के द्वारा गिरिडीह जिला अंतर्गत जमुआ प्रखंड के केन्दुआ पंचायत के ग्राम पलरा में सूक्ष्म उद्यम विकास कार्यक्रम अंतर्गत सोहराय पेंटिंग का पंद्रह दिवसीय प्रशिक्षण शनिवार को सम्पन्न हो गया।

समापन समारोह को संबोधित करते हुए जमुआ के थाना प्रभारी मणिकांत कुमार ने कहा कि महिलाओं की आमदनी बढाने के लिए नाबार्ड और आइडिया संस्था का प्रयास सराहनीय है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की आमदनी बढेगी तो महिलाओं का घर में सम्मान बढेगा।उन्होंने कहा कि सोहराय पेंटिंग झारखंड की महत्वपूर्ण कला है जो हमारे पूर्वजों से चला आ रहा है। इस कला और संस्कृति को बचाना बहुत जरूरी है।

झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक चुंगलो की शाखा प्रबंधक श्रुति सिन्हा ने कहा कि पहले महिलाएं जूट बैग निर्माण की ट्रेनिंग ली और अब उसमें जब सोहराय पेंटिंग हो जाएगा तो उस बैग की कीमत दोगुनी हो जाएगी। इस काम में जो भी पूंजी लगेगा बैंक देने के लिए तैयार है।

जेएसएलपीएस जमुआ के बीपीओ वैल्यू एडिशन के एम हुसैन ने कहा कि इस मशीनरी युग में अपनी कला और संस्कृति को बचाना चुनौती से कम नहीं है। जमुआ में पलरा की महिलायें अपने स्वरोजगार के साथ कला और संस्कृति को भी बचाने का काम कर रही है। सरकार भी ऐसे कार्यों को बढ़ावा देती है।

जेएसएलपीएस के आईपीआरपी बालेश्वर सिंह ने कहा कि महिलाएं बहुत मेहनती होती हैं। ये जूट बैग, फोल्डर फाइल बनायेगी फिर उसमें सोहराय पेंटिंग से इस क्षेत्र और गिरिडीह जिला का नाम रौशन होगा। सरकार का ब्रांड में भी यह जूट बैग बिकेगा। ट्रेनिंग देने हजारीबाग से आई पार्वती देवी ने कहा कि महिलायें सोहराय पेंटिंग का ट्रेनिंग पूरी ईमानदारी से सीखी हैं। जूट बैग में सोहराय पेंटिंग हो जाने से उसकी कीमत बढ जाएगी।

महिलाएं पंद्रह दिनों में सोहराय पेंटिंग में फूल पती, गमला, मछली, हिरण, हाथी, मोर आदि का चित्र बनाना और पेंटिंग का काम सीखी हैं।


आइडिया के प्रोग्राम कॉर्डिनेटर खुशी शर्मा ने कहा कि सोहराय पेंटिंग झारखंड की प्राचीन कला है। पहले मिट्टी घर के दिवालों में सोहराय पेंटिंग किया जाता था। अब समय के साथ जूट बैग, फोल्डर फाइल, शाॅल, साडी , गमछा पर सोहराय पेंटिंग करके इन वस्तुओं का वैल्यू एडिशन किया जा रहा है।

स्थानीय मुखिया आशा देवी और केन्दुआ एफपीओ के डायरेक्टर रंजीत कुमार मंडल ने कहा कि ग्रामीण महिलाओं की आमदनी बढाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए नाबार्ड और आइडिया संस्था ईमानदार प्रयास कर रही है।

प्रशिक्षण में यशोदा देवी, सबिता कुमारी, मधु देवी, बबीता देवी, उषा देवी, सुमंती देवी, गिरजा देवी , अनिता देवी, संगीता देवी, संजू देवी, मंजू देवी, द्रोपदी देवी, मनीषा देवी, ममता देवी, किरण कुमारी सहित सभी प्रशिक्षण लेनेवाली 30 महिलाओं को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र भी अतिथियों के द्वारा दिया गया।

कार्यक्रम में केन्दुआ एफपीओ के डायरेक्टर अशोक कुमार मंडल, सीईओ प्रमोद कुमार, राजू कोडा, विवेक कुमार सहित कई लोग मौजूद थे।

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