गुजरात के व्यवसायी से जमुआ में पांच करोड़ की लुट, सप्ताह दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली
Last Updated on June 29, 2023 by Gopi Krishna Verma
21 जुन की घटना, मीडिया को सप्ताह दिन बाद मिली जानकारी
एक नजर:-
- पांच करोड़ जैसी बड़ी लुट से पुलिस की नींद उड़ी।
- 21 जुन की घटना का 28 जुन अर्थात् एक सप्ताह बाद भी नहीं हो सका उद्भेदन।
- 22 जुन को भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यक्रम को लेकर जिले में थी सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था फिर भी अपराधियों ने बैखौफ होकर दिया इतनी बड़ी घटना को अंजाम।
- पटना से कोलकाता क्रेटा से ले जाई जा रही थी राशि।
- घटना जमुआ थाना क्षेत्र के चित्तरडीह मार्ग के बाटी पेट्रोल पंप के पास रात्री के 1:30 बजे की।
- गुजरात के हैं एफआईआर दर्जकर्त्ता मयूर सिंह।
- हवाला के हो सकते हैं इतनी बड़ी राशि अथवा दो हजार के बंद होने वाले नोट भी।
गिरिडीह। झारखंड की गिरिडीह पुलिस इन दिनों ख़ासे परेशान है। और हो भी क्यों नहीं जब मामला पांच करोड़ की लूट से जुड़ा हो और सप्ताह दिन बाद भी पुलिस मामले के उद्भेदन में नाकाम रही हो। पुलिस अब तक यह भी पता लगाने में नाकाम रही कि इतनी मोटी रकम को एक एसयूवी में डालकर रात के समय क्यों और कैसे ले जाया जा रहा था।
पचंबा-चित्तरडीह-जमुआ रोड़ के बाटी के पास की है घटना:
घटना एक सप्ताह पहले की जिले के जमुआ थाना क्षेत्र के बाटी के पास की है। एक बड़ी लूट ने गिरिडीह पुलिस की नींद हराम कर दी है। लूट पांच करोड़ की है। घटना को लेकर पुलिस सात दिनों से चुप्पी साध कर छानबीन में जुटी है। अभी भी पुलिस कुछ बताने से परहेज कर रही है। मामला करोड़ों का है तो ऐसे में पुलिस इसकी सत्यता का भी पता लगा रही है। हालांकि इस मामले में गुजरात के पाटन जिला अंतर्गत सांतलपुर निवासी मयूर सिंह जड़ेजा के आवेदन पर जमुआ थाना में एफआइआर दर्ज कर ली गई है। कांड के अनुसंधान का जिम्मा अवर निरीक्षक नितेश कुमार पांडेय को दिया गया है। इनके अलावा खोरीमहुआ एसडीपीओ मुकेश महतो, जमुआ थाना प्रभारी पप्पू कुमार के साथ कई अधिकारी भी जांच में जुटे हुए हैं। सात दिनों के अंदर जमुआ-देवघर, जमुआ-कोडरमा, जमुआ-गिरिडीह पथ के सभी सीसीटीवी को चेक किया गया है। गिरिडीह शहर के सीसीटीवी फूटेज को भी चेक किया गया। फिर भी पुलिस को कुछ हाथ नहीं लग पाया है।
स्कार्पियो-एसयूवी सवार अपराधियों ने दिया घटना को अंजाम:
घटना को लेकर जमुआ थाना में कांड संख्या 256/23 धारा 395 भादवि दर्ज किया गया है। प्राथमिकी में गुजरात निवासी मयूर सिंह ने बताया है कि वह गुजरात में बतौर टेक्निशियन काम करता है। एक दिन उसका परिचित गोविन्द सिंह सोलंकी मिला और बेहतर काम दिलवाने का भरोसा दिलवाया। गोविन्द ने उसे गुजरात से दिल्ली फिर दिल्ली से कानपुर जाने को कहा। वह कानपुर पहुंचा तो वहां करण भाई नामक व्यक्ति ने उसे रिसीव किया। वहां पर तीन दिनों तक रुकने के बाद गुजरात के ही जगत सिंह जड़ेजा ऊर्फ जगत भाई क्रेटा वाहन (RJ 45 CU – 9964) लेकर आया और उसे गाड़ी में बैठाकर पटना स्थित डीवाई कंपनी के यहां ले गया। वहां उन्हें बताया गया कि उक्त गाड़ी से पांच करोड़ रुपया लेकर कोलकाता जाना है। रुपया को गाड़ी के अंदर बने एक बॉक्स में रख दिया गया और 20 जून की शाम 8-9 बजे के बीच कोलकाता के लिए वह निकल गया। 21 जून की रात लगभग 1:30 बजे वे लोग जमुआ थाना इलाके के टीकामगहा पहुंचे और यहां पेट्रोल पंप में तेल भरवाया। वहां से अभी आगे बढ़े ही थे कि बाटी के पास ओवरटेक कर एक स्कार्पियो ने उसकी गाड़ी को रुकवाया। स्कार्पियो से पांच आदमी उतरे और उसके वाहन का दरवाजा खुलवाया, वाहन का चाबी निकाल लिया। इसके बाद उसे तथा जगत सिंह संग मारपीट कर दोनों को स्कार्पियो वाहन पर बैठा लिया। यहां के बाद उनके वाहन को अपराधियों में से एक व्यक्ति चलाने लगा। जबकि दोनों का मोबाइल छिनकर स्कार्पियो को कच्ची रास्ता में ले गया, थोड़ी देर बाद अपराधियों ने उन्हें स्कार्पियो से भी उतार दिया और अपराधी वाहन लेकर चले गए। इसके बाद दोनों पैदल ही भटकते-भटकते सुबह पांच बजे पक्की सड़क पर पहुंचे। वहां पर एक होटल के पास उन्हें अपना वाहन क्रेटा दिखा। जब वह अपने साथी के साथ वाहन के समीप पहुंचा तो देखा कि गाड़ी के अंदर बना बॉक्स टूटा हुआ था और पांच करोड़ गायब थी। पीड़िता का कहना है कि जिस स्कार्पिओ वाहन पर आये अपराधियों ने लूट की है, उस वाहन पर नंबर बीआर – 7230 लिखा हुआ था। स्कार्पिओ के साथ एक्सयूवी 300 वाहन भी था।
नड्डा की सुरक्षा व्यवस्था में जुटी थी पुलिस इधर हो गया कांड:
यहां बता दें कि यह घटना 21 जून की है जबकि 22 जून को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का गिरिडीह में कार्यक्रम था। जिला पुलिस जेपी नड्डा की सुरक्षा में लगी थी तो दूसरी तरफ अपराधियों ने पांच करोड़ पर हाथ साफ कर लिया। अब पुलिस इस घटना की सत्यता की जांच कर रही है। यह पता लगाया जा रहा है कानून को ताक पर रखकर इतनी मोटी रकम को एक कार से क्यों भेजा जा रहा था। इतनी मोटी रकम को पटना से कोलकाता भेजने के पीछे की वजह क्या थी। पुलिस हवाला से भी इसे जोड़कर जांच कर रही है।