स्कूली वाहनों में सुरक्षा के हो पुख्ता इंतजाम: डीटीओ
Last Updated on August 17, 2024 by Gopi Krishna Verma
बच्चों को ठूंस-ठूंसकर चलने वाले स्कूली वाहनों पर अब कसेगा शिकंजा
गिरिडीह। शनिवार को जिला परिवहन पदाधिकारी शैलेश प्रियदर्शी के द्वारा जानकारी दी गई कि सभी विद्यालय/निजी विद्यालय के प्राध्यापक/निदेशक/विद्यालय प्रबंधन एवं अभिभावक को सूचित किया जाता है कि स्कूलों के बच्चों के स्कूल आवागमन हेतु प्रयुक्त कई वाहन यथा बस, ऑटो, मैजिक एवं टोटो व अन्य ऐसे वाहन हैं जो पथ कर, अद्यतन फिटनेस, बीमा व प्रदूषण प्रमाण-पत्र के बिना संचालित किए जा रहे हैं।
कई वाहन काफी पुराने हैं जिससे स्कूली बच्चों का परिवहन किए जाने से न केवल उनके जान-माल की हानि की संभावना बनी रहती है बल्कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ भी है।
स्कूली बच्चों के परिवहन के लिए सड़क सुरक्षा के दृष्टिकोण से परिचालित वाहनों के लिए निम्नवत कागजात / प्रमाण पत्र होना अतिआवश्यक है-
- वाहन का पंजीकरण होना चाहिए।
- पथ कर अद्यतन होना चाहिए।
- फिटनेस प्रमाण पत्र अद्यतन होना चाहिए।
- बीमा प्रमाण पत्र अद्यतन होना चाहिए।
- प्रदूषण प्रमाण पत्र अद्यतन होना चाहिए।
- परमिट प्रमाण पत्र अद्यतन होना चाहिए।
- वाहन में Fire Kits होना चाहिए।
- First Aid Box होना चाहिए।
- चालक का वैध अनुज्ञप्ति होना चाहिए।
- वाहन में सीट की संख्या के अनुसार बच्चों की संख्या होनी चाहिए।
- साथ ही आवगमन को सुरक्षित बनाए रखने हेतु SCCORS (Supreme Court Committee of Road Safety) के दिये गए दिशा-निर्देशों का पालन होना चाहिए।
डीटीओ ने सभी विद्यालय के प्रधानाध्यापक / निदेशक/ विद्यालय प्रबंधन एवं अभिभावकों को आदेश दिया है कि परिचालित वाहनों के लिए उपरोक्त का अनुपालन सुनिश्चित करे ताकि भविष्य में सड़क दुर्घटना को रोका जा सके। अद्यतन प्रतिवेदन न रहने पर M.V (Ammendment) Act, 2019 एवं SCCORS (Supreme Court Committee of Road Safety) के तहत् नियमानुसार आर्थिक जुर्माना एवं विधिसम्मत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।