आक्रोश रैली रोकने में पुलिस ने जितनी तत्परता दिखाई काश उतनी ताकत अपराधियों को पकड़ने एवं बांग्लादेशी घुसपैठियों को रोकने के लिए दिखाई होती तो आज राज्य की स्थिति कुछ ओर होती: मनोज मौर्या

0

Last Updated on August 26, 2024 by Gopi Krishna Verma


गिरिडीह। भाजपा के सोशल मीडिया ज़िला प्रभारी मनोज मौर्या ने प्रेसविज्ञप्ति जारी कर कहा की भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा द्वारा विगत 23 अगस्त को रांची के मोरहाबादी मैदान में युवा जनाक्रोश रैली का आयोजन किया गया था।

उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सत्ता में आने के पूर्व अपने चुनावी घोषणा के माध्यम से राज्य के युवाओं एवं छात्र-छात्राओं से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वादा किया था कि सत्ता में आते ही एक साल में 5 लाख युवाओं को रोजगार देंगे, 5 हजार से 7 हजार रुपए प्रत्येक महीने महंगाई भत्ता देंगे। महंगाई भत्ता और 5 लाख का रोजगार तो दे नहीं पाए, जो प्रतियोगी परीक्षाएं होनी थी उसमें से एक भी परीक्षा निष्पक्ष रूप से नहीं करवा पाए।

श्री मौर्या ने कहा कि सरकार की इसी विफलता के विरोध में यह जनाक्रोश रैली का आयोजन कर राज्य के युवाओं को जगाने का प्रयास किया गया। वहीं जनाक्रोश रैली पूरे राज्य से रांची ना पहुंच सके। इसके लिए सभी जिलों के पुलिस प्रशासन ने इतनी सख्ती कर रखी थी कि रांची जाने वाले सभी मार्गों को पुलिस छावनी में बदल दिया गया था। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा था कि अपने ही राज्य के युवा उग्रवादी हैं या दूसरे देशों से आने वाले आतंकवादी हैं जिसको रोकने के लिए राज्य के पुलिस विभाग ने कमर कस ली हो।

राज्य की पुलिस प्रशासन ने इन युवाओं को रोकने में जितनी तत्परता दिखाई, यदि इसका 10% भी अपराधियों को पकड़ने एवं बांग्लादेशी घुसपैठियों को घुसपैठ करने से रोकने के लिए तत्परता दिखाई होती तो आज राज्य की स्थिति कुछ ओर होती। श्री मौर्या ने कहा की संथाल परगना बांग्लादेशी घुसपैठियों का अड्डा ना बना होता और ना ही राज्य की महिलाओं के साथ हो रहे दुर्व्यवहार की संख्या में इतना इजाफा होता। हालांकि राज्य के युवाओं को यह बात समझ आ गई है कि निकट के दिनों में ना केवल सरकार से लड़ाई लड़नी होगी बल्कि अब पुलिस प्रशासन के खिलाफ भी आंदोलन करना होगा।

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *