मंझने में मुखिया और पंचायत सेवक के मिली भगत से अयोग्य लाभुक को दिया गया अबुआ आवास
Last Updated on August 30, 2024 by Gopi Krishna Verma
गावां। प्रखंड के मंझने पंचायत अंतर्गत मंझने में अयोग्य लाभुक आसमा पति शहाबुद्दीन को अबुआ आवास योजन का लाभ मुखिया और पंचायत सेवक के मिली भगत से दिया गया है।
मामले को लेकर सांसद प्रतिनिधि श्रीराम यादव ने गावां बीडीओ को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग कि है।उन्होंने आवेदन लिखा है कि लाभुक और उसका पति चार से पांच साल से मंझने में रह कर भाड़े का रूम लेकर कपड़ा सिलाई का काम करता है, जो मंझने का मूल निवासी नहीं है। अबुआ आवास के सूची में क्रमांक 26, रजिस्ट्रेशन आईडी 08/985/3648/00745 है। जिसमें प्रथम किस्म का भुगतान भी कर दिया गया है। ग्रामीणों से पूछताछ पर पता चला कि आसमा झारखंड की निवासी नहीं है तो किस आधार पर झारखंड में आवास का लाभ मिल रहा है।
वहीं आसमा ने बताया कि वो बिहार के नवादा जिला के कौआ कोल के स्थायी निवासी है। आसमा के पति शाहबुद्दीन ने बताया कि वे लोग पिछले चार से पांच वर्षों से यहां रह रहे हैं, बताया कि एक खट्टा जमीन खरीदने के लिए एक व्यक्ति को पचास हजार रुपए दिए हैं जो अभी तक रजिस्ट्री नहीं हुआ है। आखिर सवाल यह उठता है कि किस आधार पर इन्हें अबुआ आवास योजना का लाभ दिया जा रहा है। ये जांच का विषय है और सबसे बड़ी बात कि कुछ दिन पहले ही इनलोगों का आधार कार्ड और पहचान पत्र भी झारखंड का निर्गत किया गया है।
आसमा या उसके परिवार के किसी भी सदस्य के नाम पर मंझने में जमीन नहीं है एक एग्रीमेंट कागज पर कुछ जमीन लेकर आवास का निर्माण किया जा रहा है। आवास के लिए मिलने वाली राशि का पहला किश्त भी खाते में भेजी जा चुकी है।
अब सोचने वाली बात ये है कि बिना खतियान के कैसे आधार कार्ड व पहचान पत्र बनाया गया कैसे रिकार्ड बुक बनाया गया और कैसे आवास स्वीकृत की गई ये जांच का विषय है।पंचायत सचिव पन्ना लाल ने कहा कि सरकार आपकी द्वार में युक्त लाभुक ने आवेदन की थी और उसका ऑनलाइन होते हुए प्राथमिक सूची में नाम भी था इसी के आधार पर अबुआ आवास योजना का लाभ दिया गया था।
वहीं मंझने मुखिया प्रतिनिधि निरंजन सिंह ने मामले को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने स्पष्ट जवाब नहीं दिया।इधर बीडीओ महेंद्र रविदास ने कहा कि युक्त लाभुक का अबुआ आवास फिलहाल होल्ड कर दिया गया है।