गुड़ न्यूज: झारखंड़ में अब ‘अबुआ आवास योजना’ से गरीबों को मिलेगा आशियाना

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Last Updated on August 16, 2023 by Gopi Krishna Verma

‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ से वंचित गरीबों को मिलेगा लाभ

अब झारखंड के गरीबों को एक नई योजना से आवास मिलेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ‘अबुआ आवास योजना’ की घोषणा स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर की है। इसके तहत् दो साल में 15 हजार करोड़ रुपए से अधिक राशि खर्च कर राज्य सरकार अपनी निधि से जरूरतमंदों को आवास उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना के तहत जरूरमंदों को तीन कमरे का आवास मिलेगा।

लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जब केंद्र सरकार की ओर से ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के तहत राज्य के आठ लाख ग्रामीण बेघरों को आवास नहीं मिला, तब मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से लेकर नीति आयोग तक के सामने बेघरों को आवास उपलब्ध कराने को लेकर बातें रखी। इसके अलावा ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री और सचिव ने भी केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय से इसको लेकर चर्चा की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने अपने स्तर से पहल शुरू करते हुए इस योजना को राज्य में लागू करने पर जोर दिया।

क्यों पड़ी ‘अबुआ आवास योजना’ की जरूरत जरूरत:

बताते चलें कि जब केंद्र सरकार की ओर से ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के तहत् राज्य के आठ लाख ग्रामीण बेघरों को आवास नहीं मिला, तब मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से लेकर नीति आयोग तक के समक्ष यह बात रखी। इसके अलावा कई बार ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री और सचिव ने भी केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय से संपर्क साधा। उन्हें बताया गया कि राज्य में चिह्नित सभी बेघर ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के लिए सभी अर्हताएं पूरी करते हैं। चिह्नित लाभुकों की सूची भी केंद्र सरकार को भेजी गयी थी। लेकिन अलग-अलग कारणों से भारत सरकार ने योजना को स्वीकृति नहीं दी। ऐसे में यहां के ग्रामीण बेघरों को आवास के बिना काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। इस सारे मामले से विभाग ने मुख्यमंत्री को भी अवगत कराया था। इसके बाद ही मुख्यमंत्री ने अपने स्तर से इसकी शुरुआत की है।

राज्य में ‘अंबेडकर आवास योजना’ भी है संचालित:

बताते चलें कि ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के अतिरिक्त झारखंड में पहले से ही ‘अंबेडकर आवास योजना’ संचालित है। इस योजना के तहत् राज्य के असहाय विधवाओं को आवास उपलब्ध कराई जाती है। इसका बजट बेहद कम होने व अन्य कई आवश्यक शर्तों के कारण यह सभी बेघरों के लिए नहीं है।

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