फाइलेरिया उन्मूलन के मद्देनजर मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन को लेकर जिलास्तरीय स्वास्थ्य समन्वय समिति की बैठक संपन्न

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Last Updated on January 11, 2025 by Gopi Krishna Verma

गिरिडीह। शनिवार को समाहरणालय सभागार में जिला उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में फाइलेरिया उन्मूलन के मद्देनजर मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन को लेकर जिलास्तरीय स्वास्थ्य समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गई।

बैठक में उपायुक्त ने 10 फरवरी से 25 फरवरी तक चलाए जाने वाले फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की जानकारी ली। बैठक में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम के विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा कर कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए कार्ययोजना बनायी गई तथा उपायुक्त के द्वारा पदाधिकारियों को उनकी जिम्मेदारीयां सौंपी गई। बैठक में उपायुक्त ने निर्देश दिया कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत दवा वितरण कार्यक्रम का व्यापक प्रचार-प्रसार कराना सुनिश्चित करेंगे, ताकि एक भी व्यक्ति फाइलेरिया की दवा लेने से छूटे नहीं।

इस दौरान उपायुक्त ने सभी चिकित्सकों, आंगनबाड़ी केन्द्र की सेविका, स्वास्थ्य सहिया एवं स्वास्थ्य कर्मियों को गाइडलाइन का पालन करते हुए डीईसी तथा एल्बेंडाजोल की गोली लोगों को खिलाने को लेकर निर्देशित किया। बैठक में उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा कि फाइलेरिया बीमारी से प्रभावित अंग गंभीर रूप से फूल जाता है। इससे व्यक्ति को काफ़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कर फाइलेरिया से बचा जा सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक लोगों को बूथ पर ही दवा खिलाने की रणनीति तैयार करें, जिससे घरों में जाकर दवा खिलाने की संख्या कम रहे। इसके लिए अधिक से अधिक बूथों का प्रचार प्रसार करें। इसके अलावा BDO, CDPO एवं MOIC तीनों को प्रतिदिन ब्रीफिंग करने को कहा गया, जिससे कितने बच्चों/ लोगों को दवा दी गई है इसकी जानकारी प्राप्त हो सके।

बैठक के दौरान सिविल सर्जन, गिरिडीह ने कहा कि फाइलेरिया एक ऐसी बिमारी है जिसकी वजह से प्रभावित अंगों जैसे हाथ, पांव (हाथीपांव) का फूलना और हाइड्रोसिल होता है। फाइलेरिया बूचेरिया बैन्क्राफ्टी (Wucheria bancrofti) कृमि की वजह से होता है जो क्यूलेक्स मच्छर के द्वारा फैलता है। यह एक वैक्टर मच्छर जनित बीमारी है और फाइलेरिया विश्व स्तर पर विकलांगता का दूसरा प्रमुख कारण है। क्यूलेक्स मच्छर जमे हुए गंदे पानी में पैदा होते हैं।

फाइलेरिया के उपचार हेतु डीईसी गोली एवं अलबेण्डाजोल बहुत ही कारगर दवा है, जिसके उपयोग से एमडीए कार्यक्रम किया जाता है। लक्षित आबादी को डी.ई.सी. एवं अलबेन्डाजोल गोली की एक खुराक वर्ष में एक बार खिलाने पर 80 से 90 प्रतिशत तक इस बीमारी के प्रसार पर नियंत्रण किया जा सकता है। फाइलेरिया की दवा किसी भी स्थिति में खाली पेट नहीं लेनी चाहिए।

बैठक में निम्नलिखित निर्णय लिए गए: 10 फरवरी को बूथ डे है। इस दिन सभी विद्यालय, सभी आंगनबाड़ी केंद्र, सभी स्वास्थय केन्द्र, सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पंचायत भवन, वार्ड कार्यालय आदि को बूथ बनाया जाएगा।

11 फरवरी से 25 फरवरी तक सभी संबंधित कर्मियों द्वारा घर घर जा जाकर दवा पिलाई जायेगी। इस बीच संबंधित कर्मी अपने समक्ष ही लोगों को दवा पिलाएंगे।पेयजल/ स्वच्छता विभाग, सूचना जनसंपर्क विभाग, नगर निगम, स्कूली शिक्षा, समाज कल्याण, पंचायती राज एवं आपूर्ति विभाग को इस कार्यक्रम से जोड़ा गया है।

बैठक में उप विकास आयुक्त, सदर अनुमंडल पदाधिकारी, सिविल सर्जन, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, उप नगर आयुक्त, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, सभी अंचलाधिकारी, गिरिडीह जिला, सभी एमओआईसी, सभी सीडीपीओ सहित अन्य कई संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।

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