GOOD NEWS: मोदी ने बदले तीनों क्रिमिनल लॉ, अब हर हाल में तीन साल में मिलेगा न्याय
Last Updated on December 24, 2023 by Gopi Krishna Verma
गुलामी के प्रतिक औपनिवेशिक युग के कानूनों का अंत : मोदी
THREE CRIMINAL LAWS CHANGED: गुरुवार को राज्यसभा में तीनों क्रिमिनल लॉ बिल भारतीय न्याय संहिता, भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य बिल पास हो गए। बुधवार को ये तीनों बिल लोकसभा से पास हो चुके हैं। अब इन्हें मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। उनकी मंजूरी मिलते ही ये तीनों बिल कानून बन जाएंगे। बिल पास होते ही राज्यसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
गुलामी के प्रतिक कानूनों का अंत, नए युग की शुरुआत: मोदी
दोनों सदनों से तीनों बिल पास होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट कर कहा- “भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023, भारतीय न्याय संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 का पारित होना हमारे इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण है। ये विधेयक औपनिवेशिक युग के कानूनों के अंत का प्रतीक हैं। सार्वजनिक सेवा और कल्याण पर केन्द्रित कानूनों से एक नये युग की शुरुआत होती है।”
किसी भी मामले में 3 साल में न्याय दिलाने का उद्देश्य:
बिलों पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- ” जो लोग सदन के बाहर पूछते हैं कि इस कानून से क्या होगा? मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि इसके लागू होने के बाद तारीख पर तारीख का जमाना नहीं रहेगा। किसी भी मामले में 3 साल में न्याय दिलाने का उद्देश्य है। जो कहते हैं कि नए कानूनों की जरूरत क्या है, उनको स्वराज का मतलब नहीं पता, इसका मतलब स्व शासन नहीं है। इसका मतलब स्व धर्म, भाषा, संस्कृति को आगे बढ़ाना है। गांधी जी ने शासन परिवर्तन की लड़ाई नहीं लड़ी, उन्होंने स्वराज की लड़ाई लड़ी। आप 60 साल सत्ता में बैठे रहे, लेकिन स्वराज को लगाने का काम नहीं किया, ये काम मोदी जी ने किया।”
IPC में 511 धाराएं हैं, अब 356 बचेंगी:
- कई धाराएं और प्रावधान बदल जाएंगे। IPC में 511 धाराएं हैं, अब 356 बचेंगी। 175 धाराएं बदलेंगी। 8 नई जोड़ी जाएंगी, 22 धाराएं खत्म होंगी।
- इसी तरह CrPC में 533 धाराएं बचेंगी। 160 धाराएं बदलेंगी, 9 नई जुड़ेंगी, 9 खत्म होंगी। पूछताछ से ट्रायल तक वीडियो कॉन्फ्रेंस से करने का प्रावधान होगा, जो पहले नहीं था।
- फैसलों में तेजी आएगी। देश में 5 करोड़ केस पेंडिंग हैं। इनमें से 4.44 करोड़ केस ट्रायल कोर्ट में हैं।
- इसी तरह जिला अदालतों में जजों के 25,042 पदों में से 5,850 पद खाली हैं। भारतीय न्याय संहिता में 20 नए अपराध जोड़े गए..
- भारतीय न्याय संहिता (BNS) में 20 नए अपराध जोड़े गए हैं।
- ऑर्गनाइज्ड क्राइम, हिट एंड रन, मॉब लिंचिंग पर सजा का प्रावधान।
- डॉक्यूमेंट में इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल रिकॉर्ड शामिल हैं।
- IPC में मौजूद 19 प्रावधानों को हटा दिया गया है
- 33 अपराधों में कारावास की सजा बढ़ा दी गई है।
- 83 अपराधों में जुर्माने की सजा बढ़ा दी गई है।
- छह अपराधों में सामुदायिक सेवा की सजा का प्रावधान किया गया है।
लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित: लोकसभा गुरुवार 21 दिसंबर को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई। संसद के शीतकालीन सत्र के लिए 22 दिसंबर तक का वक्त तय किया गया था। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि सदन की कार्यवाही 61 घंटे 50 मिनट चली। वर्क प्रोडक्टिविटी 74% रही। चर्चा के बाद 18 सरकारी विधेयक पास हुए। शून्यकाल के दौरान 182 मामले उठाए गए।
आरोपी की गैरमौजूदगी में भी ट्रायल होगा: देश में कई केस लटके हुए हैं, बॉम्बे ब्लास्ट जैसे केसों के आरोपी पाकिस्तान जैसे देशों में छिपे हैं। अब उनके यहां आने की जरूरत नहीं है। अगर वे 90 दिनों के भीतरकोर्ट के सामने पेश नहीं होते हैं तो उनकी गैरमौजूदगी में ट्रायल होगा।