बड़ी ख़बर: PMGKAY के 87हजार क्विंटल अनाज का लेखा-जोखा नहीं, जांच को पहुंची टीम

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Last Updated on January 26, 2024 by Gopi Krishna Verma

केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री की शिकायत पर हो रही जांच, पूर्व के दो डीएसओ सहित अन्य पर लटक रही कारवाई की तलवार

गिरिडीह। राज्य सरकार के खाद्य सार्वजनिक वितरण व उपभोक्ता मामले विभाग के अपर सचिव के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम अनाज की कालाबाजारी की जांच के लिए गिरिडीह पहुंच गई है। टीम में अपर सचिव अनिल कुमार के अलावा खाद्य एवं उपभोक्ता मामले निदेशालय के उप-निदेशक उत्तम कुमार तथा निदेशालय में प्रतिनियुक्त सहायक जिला आपूर्ति पदाधिकारी श्याम पाठक शामिल है।

इसके पूर्व टीम ने जिले के जमुआ, बिरनी और डुमरी प्रखंड का दौरा कर चुकी है। प्रखंडों में स्थित झारखंड़ राज्य खाद्य निगम के गोदामों का निरीक्षण भी किया गया है; लेकिन संबंधित अधिकारियों द्वारा अनाज के उठाव, वितरण समेत अन्य दस्तावेजों की जानकारी उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण जांच पूरी नहीं हो सकी थी। इसलिए अधिकारियों की टीम ने पुनः जांच शुरू की है।

केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री की शिकायत पर गठित की गई टीम: केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी की शिकायत पर खाद्य आपूर्ति विभाग ने जांच कमेटी गठित कर एक संयुक्त जांच प्रतिवेदन मांगा है। विभाग ने टीम को आदेश दिया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत खाद्यान्न की कालाबाजारी एवं भ्रष्टाचार के साथ-साथ जनवितरण प्रणाली से संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के निरंकुश हो जाने के शिकायतों की जांच कर अविलंब रिपोर्ट समर्पित करें। टीम ने बुधवार को फिर से जांच शुरू कर दी है।

पूर्व के दो डीएसओ सहित अन्य से पुछताछ:

जांच के क्रम में पूर्व के जिला आपूर्ति पदाधिकारी सुदेश कुमार, गौतम भगत के साथ-साथ संबंधित डीएसडी के संवेदकों व गोदामों के एजीएम को भी पूछताछ के लिए बुलाया। कई लोगों से पूछताछ हो चुकी है। वहीं, कई से अभी पूछताछ बाकी है। तत्कालीन डीएसओ मुदेश कुमार से भी अपर सचिव अनिल कुमार ने कई आरोपों के साथ-साथ अनाज के उठाव और ढुलाई के संबंध में बातचीत की। कई एजीएम से प्राप्त अनाज और स्टॉक पंजी के बाबत पूछताछ की गई।

जांच के संबंध में फिलहाल कुछ भी बताना संभव नहीं है। तीन प्रखंड़ों में जांच हो रही है। अनाज वितरण से संबंधित सभी तरह के दस्तावेजों को मंगाकर उठाव और वितरण का आकलन किया जा रहा है। कहा कि इस मामले में उनकी टीम शीघ्र ही विभाग को अपना जांच प्रतिवेदन सौप देगी। अनाज की कालाबाजारी मामले में जो दोषी है, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।

अनिल कुमार, अपर सचिव खाद्य आपूर्ति विभाग

87 हजार क्विंटल अनाज का हिसाब नहीं मिलने पर डीसी ने भी भेजा है रिपोर्ट: डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने भी जिलास्तर पर एक जांच टीम बनाकर खाद्यान्न का उठाव व वितरण की जांच किया था। जांच के क्रम में गोदामों का भौतिक सत्यापन भी कराया गया था। फिर एक जांच रिपोर्ट डीसी ने खाद्य आपूर्ति विभाग के सचिव को भेजकर अनुरोध किया था कि पूरे मामले की सूक्ष्म जांच की जरूरत है।

जांच रिपोर्ट में डीसी ने इस बात का भी खुलासा किया था कि जिले में 86990.68 क्विंटल अनाज का लेखा-जोखा नहीं मिल रहा है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 51635.85 क्विंटल चावल और 35354.83 क्विंटल गेहूं बैकलॉग में चल रहा है। जांच टीम को यह जानकारी नहीं मिली कि यह अनाज का क्या हुआ।

सूत्रों का कहना है कि भारतीय खाद्य निगम ने आवंटन के विरुद्ध पूरा अनाज झारखंड राज्य खाद्य निगम को उपलब्ध कराया था। आवंटन के अनुरूप जेएसएफसी के गोदामों के लिए अनाज की दुलाई भी हुई; लेकिन कई ट्रक संबंधित गोदामों तक पहुंचा ही नहीं। अनाज की कालाबाजारी हो गई।

गड़बड़ी पर लीपापोती करने के लिए ट्रांसपोर्टिंग एजेंसी तरह-तरह का तर्क देकर अधिकारियों को गुमराह करने में भी लगी हुई है। सूत्रों का कहना है कि गोदाम प्रबंधक से लेकर अनाज वितरण करने वाले डीलर तक बैकलॉग का हवाला देकर कार्डधारियों को अनाज तक नहीं देते और ई-पोस में कार्डधारियों को भ्रमित कर अंगूठा का निशान तक ले लेते है। बताया गया कि जांच में जितना विलंब हो रहा है, घोटालेबाजों को कालाबाजारी के अनाज के समायोजन में उतना ही सुविधा हो रही है।

प्रखंड़ों में तेजी से चल रही है जांच: सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अनाज की कालाबाजारी जिले के 13 प्रखंड़ों में हुई है; लेकिन, फिलहाल टीम ने तीन प्रखंड़ों पर ही जांच केंद्रित की है। जमुआ, बिरनी व डुमरी से अनाज आवंटन से लेकर उठाव व वितरण से संबंधित सभी दस्तावेज मंगाकर टीम के सदस्य जांच कर रही है। सूत्रों की मानें तो शुरुआती दौर में जांच में टीम को कई अनियमितता मिली है।

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