हाल-ए-तिसरी: सूचना के लिए 18 हजार देने पर भी नहीं मिल रहा किसानों को पंजी टू का नकल, धरना पर बैठे किसान
Last Updated on February 23, 2024 by Gopi Krishna Verma
गावां-तिसरी। अंचल अधिकारी तिसरी द्वारा तिसरी अंचल के 32 मौजा के किसानों को रजिस्टर टू का प्रमाणित प्रतिलिपि देने हेतू जनवरी माह में ही गरीब किसानों से राशि नजारत में जमा करवाने और नाजीर रसीद काटने के बाद भी अंचल अधिकारी रजिस्टर टू में भारी मात्रा में किए गए छेड़छाड़ के उजागर होने के डर से एवं खदान व क्रेशर मालिक, भूमाफिया और सफेदपोश नेताओं के दबाव और प्रभाव में आकर किसानों को रजिस्टर टू नहीं दे रहे हैं।
महीनों से अंचल कार्यालय का चक्कर लगाकर थक चुके किसानों ने मंगलवार से बोरिया बिस्तर के साथ किसान जनता पार्टी के बैनर तले तिसरी अंचल कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गए हैं।
इन आवेदकों से लिए सूचना के लिए पैसे:
विदित हो कि पूर्व अंचल अधिकारी तिसरी के निर्देश पर एलिजाबेद मुर्मू 2374 रुपैया, खुशबू देवी 372 रुपैया, ललिया देवी 398 रुपैया, सुनीता मरांडी 504 रुपैया, बसिया टुडू 738 रुपैया, मुन्ना टुडू 2572 रुपैया, तालो हेंब्रम 402 रुपैया, हीरामणि बासके 232 रुपैया, बैजून मुर्मू 58 रुपैया, दासो मुर्मू 940 रुपैया, जोशीला मरांडी 238 रुपैया, सुमन टुडू 772 रुपैया, मुंशी मुर्मू 320 रुपैया, बड़की किस्कू 254 रुपैया, सामु हेंब्रम 560रुपैया, बबुआ मुर्मू 386 रुपैया, रबीना टुडू 716 रुपैया, मानूएल हंसदा 46 रुपैया, संगीता मरांडी 160रुपैया, बेदमिया देवी 2506रुपैया, विनोद सोरेन 204 रुपैया, अकलि हंसदा 824रुपैया, हिरामन राय 28रुपैया, रघु मुर्मू 198 रुपैया, मंजू सोरेन 176रुपैया, बड़की टुडू 74रुपैया, गीता देवी 918रुपैया, नीलम देवी 824रुपैया, सरिता देवी 44रुपैया, दहनी देवी 98 रुपैया, पानो हेंब्रम 120रुपैया, सुमनी सोरेन 114 रुपैया अंचल नजारत में जमाकर नाजीर रसीद संख्या JE/02 3024952 से JE/02 3024985 लिए हैं।
धरना में भागीरथ राय, कुदरत अली, विजय कुमार, घनश्याम पंडित उर्मिला मुर्मू सहित तीसरी अंजनवा, सिरसिया, दुलियाकरम, गडकुरा, गुमगी, चिलगिली, तीसरो, लालपुर, गोलगो, कानीचिहार, हड़हड़ा, पचरुखी, करणपुरा, बरदौनी, मनसाडीह, सकसकिया, गंजवा पेशरा, भंडारी, टिकुलिया, जमामो, बेड़मी, रिझनी, असुरहाडी, बिरनी, दलपेड़ीह, किशुटांड, बुढ़ना, निहालपुर, सेवाटांड़, जीनाडीह, खाखोढाब, लपरियार, बारोमोरिया मौजा के किसान बैठे हुए हैं।