बाल विवाह निषेध पदाधिकारियों का उन्मुखीकरण कार्यशाला सम्पन्न
Last Updated on February 27, 2024 by Gopi Krishna Verma
गिरिडीह। उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा के निर्देश के आलोक में सभी प्रखंड़ शिक्षा पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षिका एवं पंचायत को बाल विवाह निषेध पदाधिकारी नियुक्त किया गया है।
इसी के निमित्त गिरिडीह अनुमंडल के सभी बाल विवाह निषेध पदाधिकारियों को बाल विवाह रोकथाम हेतु अपने दायित्व एवं कर्तव्यों के निर्वहन हेतु गिरिडीह प्रखंड़ के सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें 70 प्रतिभागी उपस्थित हुए। उपस्थित प्रतिभागियों को बाल विवाह निषेध अधिनियम के बारे में विस्तार से समझाया गया।
प्रशिक्षण कार्यशाला में बतौर प्रशिक्षक बचपन बचाओ आंदोलन के जिला समन्वयक अंजलि बिन सिकंदर, सरंक्षण पदाधिकारी गैर संस्थागत देखरेख कामेश्वर कुमार, बनवासी विकास आश्रम, बाल विवाह मुक्त भारत अभियान से सुरेश कुमार शक्ति, प्रियंका कुमारी, रूपा कुमारी एवं बाल सरक्षण इकाई के सामाजिक कार्यकर्ता रविंद्र कुमार भाग लिए।
प्रशिक्षण के दौरान अंजलि बिन सिकंदर ने प्रतिभागियों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी और उनके कर्तव्य जैसे बाल विवाह के अनुष्ठान पर रोक लगाना, बाल विवाह अधिनियम के उपबंधों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के प्रभावी अभियोजन के लिए साक्ष्य एकत्र करना, बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता कैसे करें इत्यादि विषयों पर प्रकाश डाला।
इसके अलावा सुरेश कुमार शक्ति ने बाल विवाह क्या है? बाल विवाह कानूनी रूप से वैध है या अवैध। बाल विवाह की रिपोर्ट या शिकायत कौन कर सकता है। बाल विवाह की शिकायत कहां और कैसे करें? बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की दिशा और दृष्टि इत्यादि विषयों चर्चा किया।
कामेश्वर प्रसाद ने बाल विवाह की शिकायत करने हेतु निःशुल्क फोन सेवा, चाइल्ड हेल्फ लाइने 1098 के बारे में तथा शिकायत मिलने पर रेस्क्यू टीम का गठन, बाल कल्याण समिति की भूमिका, बच्चों से जुड़े पूनर्वास कार्यक्रम के बारे में बताया। इसके अलावा बनवासी विकास आश्रम के सचिव सुरेश कुमार शक्ति ने उपस्थित सभी बाल विवाह निषेध पदाधिकारियों को बाल विवाह रोकथाम हेतु सकारात्मक कदम उठाने हेतु शपथ दिलवाया।
प्रखंड़ विकास पदाधिकारी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम समाप्त किया गया।