Good news: AIF से किसानों को 2 करोड़ तक के ऋण पर 7 साल तक 3% ब्याज की छुट, जाने पूरी प्रक्रिया
Last Updated on May 12, 2023 by dahadindia
एक नज़र:-
- नगर भवन परिसर गिरिडीह में क़ृषि निदेशालय झारखण्ड सरकार, रांची, जिला क़ृषि कार्यालय, बोकारो एवं जीटी भारत की ओर से 1000 किसानों, एसएचजी, फेडरेशन एवं एफपीसी के प्रतिनिधियों के साथ ‘कृषि अवसंरचना कोष’ विषयक जागरुकता कार्यशाला का आयोजन।
- कृषि विभाग की ओर से संचालित क़ृषि अवसंरचना कोष तथा झारखण्ड राज्य क़ृषि ऋण माफ़ी योजना के बारे में किसानों तथा पदाधिकारियों को विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई।
- योजना का लाभ लेने के लिए लाभुक वेबसाइट https://agriinfra.dac.gov.in/ पर आवेदन करें।
गिरिडीह। शुक्रवार को स्थानीय नगर भवन परिसर में कृषि निदेशालय झारखण्ड सरकार, रांची, जिला कृषि कार्यालय, बोकारो एवं GT(Glyphosate Tolerant) भारत की ओर से जिले के करीब 1000 किसानों, SHG(Self Help Group), फेडरेशन एवं FPC(Financing Farmer Producer Companies) के प्रतिनिधियों के साथ ‘कृषि अवसंरचना कोष’ विषयक जागरुकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला परिषद अध्यक्ष, उपायुक्त, उप विकास आयुक्त तथा अन्य अधिकारियों ने दीप प्रज्जवलित कर किया। कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में उपायुक्त, श्री नमन प्रियेश लकड़ा, जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती मुनिया कुमारी, उप विकास आयुक्त, श्री शशिभूषण मेहरा एवम अन्य गणमान्य अतिथि जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, श्रीमती रश्मि सिन्हा, जिला कृषि पदाधिकारी, श्री सुरेंद्र कुमार सिंह, उप परियोजना निदेशक, आत्मा, श्री रमेश कुमार, जिला पशुपालन पदाधिकारी, डीडीएम नाबार्ड, डीपीएम जेएसएलपीएस, निदेशक – जीटी भारत ने हिस्सा लिया।
सभी किसानों को मिले योजना का लाभ: मुनिया देवी
मुख्य अतिथि मुनिया देवी ने पूरे झारखंड में गिरिडीह जिले के किसानों तथा क़ृषि से संबंधित व्यवसाय से जुड़े लोगों स्वयं सहायता समूहों को भी इस योजना का लाभ लेने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इस योजना का व्यापक जागरुकता अभियान चलाकर जिले के सभी प्रमुख कृषि उद्यमियों तथा कृषि कार्य से जुड़े लोगों को लाभ देने का प्रयास किया जाएगा। जिला प्रशासन के द्वारा जिले के अधिक से अधिक किसानों को योजना से लाभान्वित किया जाएगा।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा आमजनों के कल्याण हेतु कई कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। योजनाओं के कन्वर्जन से विभिन्न प्रकार के लाभ से किसानों को लाभान्वित किया जा सकता है। गिरिडीह जिले के एक किसान का उदाहरण देते हुए बताया कि मनरेगा के द्वारा उसे कूप, कुसुम योजना से पंप, सोलर पैनल आदि का लाभ मिला था, जिसके माध्यम सहयोग लेते हुए आम बागवानी का कार्य सफलतापूर्वक कर रहा है और अपना आय वृद्धि कर रहा है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, कल्याण विभाग की योजना तथा JSLPS के अंतर्गत महिला लखपति योजना आदि योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार सोशल नेटवर्किंग साइट्स यथा फेसबुक, ट्विटर आदि से सुचारू रूप से किया जाएगा। ताकि आम जनों को इन योजनाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जा सकें। बोले आज के कार्यशाला में कृषि विभाग की ओर से से संचालित क़ृषि अवसंरचना कोष तथा झारखण्ड राज्य क़ृषि ऋण माफ़ी योजना के बारे में किसानों तथा पदाधिकारियों को विस्तार पूर्वक जानकारी उपलब्ध कराया गया है ताकि इसका उचित क्रियान्वयन सुनिश्चित कराते हुए अन्य योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराया जा सके।
कृषि निदेशालय, झारखण्ड सरकार, रांची से विशेष रूप से आये परियोजना प्रबंधन इकाई के टीम लीडर प्रभाष चंद्र दुबे ने क़ृषि विभाग की ओर से संचालित क़ृषि अवसंरचना कोष तथा झारखण्ड राज्य क़ृषि ऋण माफ़ी योजना के बारे में किसानों तथा पदाधिकारियों को विस्तार पूर्वक जानकारी दी और कहा कि AIF(Agri Infrastructure Fund Scheme) योजना का लाभ लेने में गिरिडीह जिला झारखण्ड में नंबर वन पर है। अभी तक जिले के 80 किसानों ने योजना का लाभ लेकर अपना बिज़नस शुरू कर दिया है। किसानों तथा किसान प्रतिनिधियों ने आगे भी जिले को पहले स्थान पर ही रखने की बात कही।
झारखंड़ को एएफआई से 1445 करोड़ मिला: डीडीसी
उप विकास आयुक्त महोदय ने उद्यमियों को कोल्ड स्टोरेज लगाने और खाद्य प्रसंस्करण आदि इकाईओं को लगाने का आहवाहन किया। कार्यशाला के माध्यम से क़ृषि निदेशालय से आये श्री प्रभाष चंद्र दुबे जी ने किसानों को बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए उन्हें अपना सिविल स्कोर ठीक करना होगा, ताकि उनको बड़ा लोन मिल सके और गरीब किसान भी अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सके। उन्होंने कहा कि कुछ बड़े चीज करने की सोच रखे और उसके लिए मेहनत कर आगे बढ़ें। आजीविका का स्रोत बढ़ाने के लिए कार्य करें। आयोजन कृषि निदेशालय रांची ने किया। संचालन परियोजना प्रबंधन ईकाई रांची के प्रभाष चंद्र दुबे ने किया। इसमें बताया गया कि कृषि अवसंरचना कोष के जरिए किसानों और कृषि क्षेत्र के उद्यमियों के लिए एक लाख करोड़ रुपए की राशि का आबंटन किया गया है, जिसमें झारखंड को 1445 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ है।
कैसे लें इस योजना का लाभ:
इस योजना का लाभ लेने www.agriinfra.doc.gov.in पर लॉगिन कर आवेदन किया जा सकता है। केन्द्र सरकार की ओर से किसानों के ऋण खाते में सीधे सब्सिडी दी जाएगी। आवेदन की प्रक्रिया सरल है। परियोजना प्रबंधन ईकाई कृषि निदेशालय से आए प्रतिनिधियों ने प्रेजेंटेशन के जरिए किसानों को बताया कि आवेदन कैसे करना है और परियोजना का कैसे लाभ लेना है। किसानों ने योजना को समझकर आवेदन करने का निर्णय लिया। पीएमयू से आवेदन करने, ऋण दिलवाने में पूरा सहयोग देने की बात कही गयी। विश्वस्तरीय संगठन ग्रांट थोर्नटॉन भारत (जीटी भारत) की ओर से झारखंड में परियोजना प्रबंधन ईकाई का संचालन कृषि निदेशालय में किया जा रहा है। विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने अपने-अपने विभाग की योजना संबंधी जानकारी दी। पीएमयू टीम से प्रभाष चंद्र दुबे, निदेशक रिशु रवि, अमित तिवारी, मनीष कुमार, मयंक द्विवेदी आदि ने प्रेजेंटेशन के माधयम से प्रस्तुत किया।
क्या है कृषि अवसंरचना कोष:
केंद्र सरकार की ओर से ‘कृषि अवसंरचना कोष की स्थापना की 2020 में की गई थी। यह फंड फसल कटाई के बाद बुनियादी ढांचा प्रबंधन एवं सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों में निवेश के लिए मध्यम व दीर्घकालिक ऋण वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करती है।
कृषि अवसंरचना निधि (AIF) की विशेषताएं :
1.किसानों को सीधे उपभोक्ताओं के बड़े आधार पर बेचने की अनुमति देने के लिए बेहतर विपणन बुनियादी ढांचे और इसलिए, किसानों के लिए मूल्य प्राप्ति में वृद्धि।
2.वित्तीय सुविधा के अंतर्गत 2 करोड़ रुपए तक की सीमा तक वार्षिक 3% की ब्याज छूट होगी।
3.यह ब्याज छूट अधिकतम 7 साल की अवधि के लिए उपलब्ध होगा।
4. 2 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण के मामले में, ब्याज छूट 2 करोड़ रुपए तक सीमित होगी। कुल वित्त पोषण सुविधा में से निजी उद्यमियों को दिए जाने वाले वित्त पोषण की सीमा और प्रतिशत राष्ट्रीय निगरानी समिति द्वारा तय की जा सकती है।
5.सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (CGTMSE) योजना के तहत इस वित्तपोषण सुविधा से पात्र उधारकर्ताओं के लिए क्रेडिट गारंटी कवरेज 2 करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए उपलब्ध होगा।
निम्नलिखित पात्र लाभार्थी हैं जो योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं:
1.प्राथमिक कृषि ऋण समितियाँ (PACS)।
2.विपणन सहकारी समितियाँ।
3.किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ)।
4.किसान।
5.स्वयं सहायता समूह (एसएचजी)
6.संयुक्त देयता समूह (जेएलजी)।
7.बहुउद्देशीय सहकारी समितियाँ।
8.कृषि-उद्यमी, स्टार्टअप।
9.केंद्रीय/राज्य एजेंसी या स्थानीय निकाय प्रायोजित सार्वजनिक-निजी भागीदारी परियोजनाएं।