हारोडीह के किसान नन्दकिशोर महतो ने मनरेगा कुप से सिंचाई कर मिर्च से कमाए लाखों रुपए
Last Updated on July 18, 2023 by dahadindia
गिरिडीह। देश के हर एक किसानों तक वास्तविक रूप से निजी तौर पर यदि कोई योजना पहुंचती है तो वह है मनरेगा। आज़ मनरेगा से हुए गांवों के वास्तविक विकास को स्पष्ट देखा जा सकता है। मनरेगा से किसानों के बने निजी कुएं उन्हें सिंचाई में अभुतपूर्व योगदान दे रहे हैं। यूं तो मनरेगा के अधिकांश योजनाएं जनोपयोगी व लाभदायक है, परंतु उन सबसे कुएं का योगदान सबसे अधिक है। आज़ हम जमुआ प्रखंड़ के सियाटांड़ पंचायत अंतर्गत हारोडीह के एक ऐसे किसान के बारे में जानेंगे, जिन्होंने मनरेगा कुप से दो एकड़ से अधिक कंकरीली बंजर भूमि को उपजाऊ बनाकर वर्ष भर में इसमें कर्मानुसार तीन फसलों को उगा रहे हैं। किसान के हौसला अफजाई को सोमवार को जमुआ बीडीओ अशोक कुमार व सियाटांड़ मुखिया महेंद्र कुमार वर्मा कुप पर पहुंचें।
मनरेगा कुप से सिंचाई कर मिर्च से कमाए लाखों रुपए: बताते चलें कि सियाटांड़ पंचायत के हारोडीह के किसान नन्दकिशोर महतो ने मनरेगा से वित्तीय वर्ष 2018-2019 में बंजर भूमि पर कुआं खोदवाया है। इससे वे वहां उपलब्ध दो से ढाई एकड़ में दो वर्षों से खेती कर रहे हैं। वर्तमान में लगभग एक एकड़ में मिर्च, एक एकड़ में कंदा व बाकि के जमीन पर दलहन पौधे जैसे उदड़, बोड़ा, घंघरा इत्यादि लगाएं हैं।
इस वर्ष जहां भीषण गर्मी में गांव के नदी, तालाब व पुराने कुएं सुख गए। वहीं मनरेगा से बने इसके 35 फुट गहरे कुएं में पर्याप्त पानी है। इससे उन्हें मिर्च व कंदा के सिंचाई में कोई परेशानी नहीं आई और दोनों ही फसलों ने बंफर पैदावार दिया है। अभी मिर्च जहां डेढ़ से दो सौ रुपए प्रति किलोग्राम बिक रहा है वहीं कंदा भी 40 रुपए किलो बिक रहा है।
क्या कहते हैं लाभुक किसान: किसान नन्दकिशोर महतो ने कहा कि मनरेगा योजना ने उनके परिवार की तकदीर बदल दी है। अपने बेटे-बहुओं के साथ मिलकर वे खेती करते हैं। कुएं के साथ 80 प्रतिशत सब्सिडी पर उन्हें सरकार से 2.5 एचपी का मोटर व पाइप भी मिला है। कुएं तक बिजली की पहुंच से उन्हें सिंचाई में काफी सहुलियत होती है। आज़ मिर्च से उन्हें डेढ़-से-दो लाख रुपए आमदनी हुई है। वहीं अब कंदा की बिक्री शुरू हुआ है, उससे भी एक लाख की आमदनी की उम्मीद है। आज़ इस महंगाई के दौर में मिर्च उनके लिए सोना साबित हो रहा है। बताया कुएं से वर्ष भर खेती कर बारी-बारी से मिर्च-कंदा, धान, आलु-सरसों इत्यादि फसलों को उगाते हैं। उन्होंने सरकार को सिंचाई कुप देने के लिए उनका धन्यवाद किया। बताते चलें कि नन्दकिशोर महतो के सफल खेती को देखते हुए गांव के अन्य किसानों ने प्रेरणा लेते हुए इस मनरेगा कुप निर्माण करवाया है।
क्या कहते हैं स्थानीय मुखिया: स्थानीय मुखिया महेंद्र कुमार वर्मा ने कहा कि मनरेगा एक जनोपयोगी योजना है। इससे किसान प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हो रहे हैं। जिसका जिता-जागता उदाहरण सियाटांड़ पंचायत के हारोडीह के किसान किसान नन्दकिशोर महतो है।
क्या कहते हैं स्थानीय बीडीओ: जमुआ बीडीओ अशोक कुमार ने कहा कि उनके प्रखंड़ में मनरेगा से किसानों को समुचित लाभ मिल रहा है। किसान मनरेगा कुप से सिंचाई कर प्रत्यक्ष रूप से लाखों रुपए कमा रहे हैं। सरकार से सिंचाई के लिए उपलब्ध कुसूम योजना का लाभ मेहनतकश मनरेगा लाभुकों को दिया जाएगा।