बाल-विवाह एक अभिशाप, रोकने के लिए सरकार दृढ़ संकल्पित
Last Updated on November 6, 2023 by Gopi Krishna Verma
जमुआ के दुम्मा में बाल-विवाह रोकने के लिए एक दिवसीय सेमिनार में बोले वक्ता
जमुआ। सोमवार को जिला प्रशासन, समाज कल्याण, जिला बाल संरक्षण इकाई, बनवासी विकास आश्रम, गिरिडीह द्वारा बाल-विवाह, महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के उद्देश्य से उत्क्रमित +2 उच्च विद्यालय दुम्मा जमुआ में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में विद्यालय के 200 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। बनवासी विकास आश्रम के उज्जवल मिश्रा, रूपा कुमारी, राजेश यादव द्वारा बाल विवाह, महिला एवं बच्चों का शोषण, हिंसा एवं पोक्सो कानून के बारे में जानकारी दिया गया। चर्चा के दौरान कहा गया कि बाल विवाह कानून अपराध के साथ साथ सामाजिक बुराई भी है। बाल-विवाह रोकने के लिए कानून में सजा एवं जुर्माना का प्रावधान किया गया है। बाल-विवाह एवं बाल शोषण को रोकने के लिए गांव स्तर से लेकर जिला स्तर तक बाल संरक्षण समिति का गठन किया गया है और पदाधिकारियों को भी नियुक्त करवाया गया है। इसके अलावा सरकार द्वारा प्रखंड विकास पदाधिकारी को बाल-विवाह प्रतिषेध पदाधिकारी के रूप में विशेष दायित्व दिया गया है। बाल-विवाह रोकने के लिए सावित्री बाई फूले बालिका समृद्धि योजना, स्पॉन्सरशिप सहित कई योजनाएं चलाई जा रही है। बाल-विवाह, महिला एवं बच्चों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए सभी आगे आकर अपनी अपनी भूमिका सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के प्रधानाध्यापक बिनोद कुमार , शिक्षिका लीलावती देवी तथा जिला परिषद प्रभा वर्मा आदि काफी सराहनीय योगदान रहा।