‘बेस्ट आऊट ऑफ वेस्ट’ प्रतियोगिता में बच्चों ने दिखाई क्रिएटिविटी, वेस्ट समानों से बनाए डेकोरेटिव आइटम्स

0

Last Updated on July 1, 2023 by Gopi Krishna Verma

सियाटांड़ के वेभ इंटरनेशनल स्कूल में हुई प्रतियोगिता का आयोजन

एक नज़र-

  • वेस्ट वस्तुओं से बच्चों ने बनाई उपयोगी वस्तुएं।
  • घरों व उद्योगों से हो रहे कचरे की बेहतास वृद्धि चिंता का विषय
  • कार्यकर्म का मुख्य उद्देश्य वस्तुओं का पुनः उपयोग पर जोर।
  • बच्चों की प्रतिमा के कायल हुए अभिभावक।

सियाटांड़। शनिवार को सियाटांड़ अवस्थित वेभ इंटरनेशनल स्कूल में ‘बेस्ट आउट ऑफ़ वेस्ट’ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत अभिभावकों द्वारा फीता काट व विद्यालय के निदेशक एवं प्रिंसिपल द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों का संदेश – घरों से लेकर उद्योग तक कचरे में वृद्धि हो रही हैं और इनसे छुटकारा पाने के लिए बहुत ही नवीन दृष्टिकोण रखने की आवश्यकता है। ऐसी वस्तुएं जिन्हें आप आस-पास देखते है और वे अपशिष्ट हो चुकी है, उन्हें हम पुनर्चक्रण एवं पुनः प्रयोग के माध्यम से उपयोग में ला सकते हैं। कुछ ऐसी ही प्रतिभा जमुआ स्थित वेेभ इंटरनेशनल स्कूल में देखने को मिली, जहाँ विद्यार्थियों ने अपेक्षित वस्तुओं को अपनी रचनात्मक विचार के माध्यम से नया रूप देकर उन्हें पूर्ण रूप से वापस उपयोगी बना दिया।

विभिन्न मॉडलों का निरीक्षण करते स्कूल निदेशक

स्कूल के होनहार छात्रों ने अपनी रचनात्मकता का सही इस्तेमाल करते हुए विद्यालय में आयोजित ‘बेस्ट आउट ऑफ़ वेस्टट’ प्रदर्शनी में और अपेक्षित वस्तुओं को लैंडफिल में डालने के बजाय, विभिन्न नवीन और रचनात्मक विचार का प्रयोग करते हुए उन्हेें नया और उपयोगी रूप दे दिया। विद्यार्थियों ने रोजमर्रा के प्रयोग में आनेवाली वस्तएं जैसे प्लास्टिक, चश्मा, अखबार, इलेक्ट्रॉनिक, कार्डबोड इत्यादि से नई वस्तुएं बनाकर अपनी रचनात्मकता का उत्कृष्ट परिचय दिया।विद्यालय निर्देशक कृष्णा सिंह ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा की बेकार पड़ी हुई या फेकीं हुई वस्तुएं पर्यावरण के लिए हानिकारक है और उन्हें पुनर्चक्रण के माध्यम से वापस प्रयोग में लाने से पर्यावरण में होनेवाले नुसकान को बचाया जा सकता है।

बच्चों द्वारा बनाएं गए मॉडल

विद्यालय के प्राचार्य सूरज कुमार लाला ने बताया विद्यार्थियों में नयी चेतना जगाना समय की मांग है और अनुपयोगी वस्तुओं को उपयोग में ला कर, इन्हें नया रूप देना ही रिसायक्लिंग हैै। इससे वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण जैसी परेशानियों से बहुत हद तक बचा जा सकता हैै।

नवोदय में चयनित छात्रा भावना अपने माता-पिता व शिक्षकों के साथ

विद्यालय के लिए आज का यह दिन विशेष इसलिए भी था क्योंकि विद्यालय कि कक्षा पांचवी में अध्ययनरत छात्रा भावना बरनवाल ने विद्यालय के शिक्षकों के मार्गदर्शन में नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा पास की और आज विद्यार्थी एवं उसके माता पिता को विद्यालय प्रबंधन द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर शंकर कुमार राय, गौरव काप्री, नितेश, टिकेश्वर, गायत्री, नाज़िआ, मोहिनी, मोनाली, विजय संतोष इत्यादि शिक्षक उपस्थित थे।

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *