BIG BREAKING: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द, लोकसभा स्पीकर ने लिया फैसला, 2013 में राहुल के ईमानदारी का फल मिला आज
Last Updated on March 24, 2023 by wpadmin
नई दिल्ली। केरल के वायनाड से लोकसभा सांसद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सदस्यता आज शुक्रवार को रद्द कर दी गई है। लोकसभा सचिवालय से पत्र जारी कर इसकी जानकारी दी गई है। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला के आदेश पर पत्र जारी किया गया है। मानहानि मामले में सुरत कोर्ट ने गुरुवार 23 मार्च को उन्हें दो वर्ष की सजा सुनाई थी। कांग्रेस अब गुजरात हाईकोर्ट जाने की तैयारी में है। वहां से राहत नहीं मिलने पर सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं।
जाने पुरा मामला: 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरनेम को लेकर एक बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है, जाहे वह नीरव मोदी हो, ललित मोदी हो या फिर नरेंद्र मोदी। उसके इस बयान पर सुरत पश्चिमी के बीजेपी विधायक पुर्णेश मोदी ने मानहानि का मुकदमा दर्ज किया था। उनका कहना था कि राहुल गांधी ने उनके पूरे समाज को चोर कहा है। केस सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में पेश हुए। 23 मार्च, 2023 को उन्हें दोषी करार देते हुए दो साल की सजा 15 हजार जुर्माना लगाया गया। वहीं थोड़ी देर में उन्हें जमानत भी दे दी गई।
IPC की धारा 500 के तहत राहुल दोषी करार: मानहानि मामले में राहुल गांधी आईपीसी की धारा 499 व 500 के तहत दोषी पाए गए। इसमें दो साल की सजा का प्रावधान है। रिप्रजेंटेशन ऑफ दी पीपल एक्ट 1951 के सेक्शन 8(3) के तहत राहुल की सदस्यता गई है। उपरी अदालतों द्वारा यदि राहुल की सजा बरकरार रखी जाती है तो वे अगले 8 वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
अधिक ईमानदारी बरतना राहुल को पड़ा भारी: मामला 2013 का है जब सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि सांसद/विधायक को दो साल या उससे अधिक की सजा होने पर उनकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से खत्म हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ मनमोहन सिंह सरकार एक अध्यादेश लाई थी, जिससे कोर्ट का फैसला निरस्त हो जाता। 24 सितंबर, 2013 को सरकार द्वारा अध्यादेश की खुबियां बताने के लिए प्रेस कांफ्रेंस रखी गई थी। राहुल गांधी ने कहा था कि यह अध्यादेश बकवास है, इसे फाड़कर फेंक देना चाहिए और उन्होंने उसे उसी वक्त फाड़कर फेंक दिया था। इसके बाद सरकार ने इसे वापस ले लिया था। यदि वह अध्यादेश पारित हो गया होता तो आज राहुल गांधी की सदस्यता बरकरार रहती। भ्रष्टाचार के प्रति राहुल की वफादारी उन्हें ही महंगी पड़ी।
कोर्ट से सजा मिलने के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट किया – ” मेरा धर्म सत्य व अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधना है। आज़ सदस्यता रद्द होने पर अबतक उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दिया है।
कल कोर्ट से सजा सुनाए जाने पर राहुल की बहन प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर प्रतिक्रिया दी थी।