गिरिडीह: बाल विवाह मुक्त गिरिडीह निर्माण हेतु जिलास्तरीय सम्मेलन आयोजित

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Last Updated on March 27, 2023 by dahadindia

गिरिडीह। सोमवार को जिला प्रशासन एवं कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आज ‘बाल विवाह मुक्त गिरिडीह’निर्माण हेतु जिलास्तरीय एकदिवसीय सम्मेलन का आयोजन विवाह भवन गिरिडीह में किया गया। सम्मेलन का शुभारंभ उप विकास आयुक्त, शशि भूषण मेहरा व जिला प्रशासन के वरिष्ठ पदाधिकारियों व बच्चों के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए उप विकास आयुक्त शशि भूषण मेहरा ने कहा कि बाल विवाह जैसी सामाजिक अपराध को समाप्त करने के लिए सबको सम्मिलित प्रयास करना होगा। ग्राम संरक्षण समितियां और ग्राम पंचायतों व गांवों के स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाएं और बाल विवाह पर निगरानी रखें।
प्रशिक्षु आईएएस उत्कर्ष कुमार ने सभी को संबोधित करते हुए कहा की
हम सभी को मिलकर सूचना तंत्र को मजबूत बनाना होगा ताकि ऐसी स्थिति से निपटने के लिए सही समय पर तैयारी किया जा सके और लोगों को जागरूक किया जा सके। गौरतलब है कि बाल विवाह के खात्मे के लिए शांति के नोबेल पुरस्कार विजेता और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन के संस्थापक कैलाश सत्यार्थी ने गत वर्ष के 16 अक्टूबर को राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआत किया था, जिसे झारखंड सरकार समेत अन्य राज्य सरकारों ने भी समर्थन दिया है। देश में बाल-विवाह के आंकड़े काफी डरावने हैं। झारखंड में बाल विवाह की दर काफी ज्यादा है। गिरिडीह जिला बाल विवाह के मामले में सर्वाधिक संवेदनशील जिलों में से एक है। केंद्र सरकार की साल 2011 की जनगणना रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड में 3 लाख, 58 हजार, 64 लोगों का बाल विवाह हुआ है जो कि पूरे देश के का 3 प्रतिशत है। बाल विवाह के मामले में देशभर में झारखंड का 11वां स्थान है। यह आंकड़ा राज्य के लिए गंभीर चिंता का विषय है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के ताजा आंकड़े भी साल 2011 की जनगणना के आंकड़ों की दशा बता रहे हैं। सर्वेक्षण के अनुसार देश में 20 से 24 साल की उम्र की 23.3 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं जिनका बाल विवाह हुआ है। वहीं राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। एनसीआरबी के अनुसार प्रदेश में साल 2019 में तीन, साल 2020 में तीन और साल 2021 में चार मामले ही बाल विवाह के दर्ज किए गए। इससे स्पष्ट है कि बाल विवाह के मामलों की पुलिस में शिकायत ही नहीं की जा रही है। लोग इस सामाजिक बुराई के प्रति आंखें मूंदकर बैठे हैं। सम्मेलन में इस स्थिति पर चिंता जाहिर की गई। साथ ही जनता, सरकार और सुरक्षा एजेंसियों से बाल विवाह के मामलों में गंभीरता बरतने व सख्त कदम उठाने की अपील की गई।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन के प्रोग्राम मैनेजर गोविंद प्रसाद खनाल ने कार्यक्रम के उद्द्येश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह कार्यक्रम हमारे जिले को बाल विवाह से मुक्त कराने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। प्रशासन, समाज,ग्राम पंचायतें व बच्चों का , इस बुराई के खिलाफ आज का यह संयुक्त प्रयास, बाल विवाह से बच्चों की सुरक्षा की शुरुआत है। हम सब मिलकर बाल विवाह के मुद्दे पर जनजागरूकता अभियान चलायेंगे। बाल पंचायत प्रतिनिधि नेहानाज ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हमें ख़ुशी है कि हम बच्चों की सुरक्षा के लिए आज समाज के सभी महत्वपूर्ण लोग एक साथ आए। ऐसे कार्यक्रम और प्रशासन का सहयोग मिलने से हम सभी का हौसला बढ़ता है।

खोरीमहुआ अनुमंडल पदाधिकारी धीरेन्द्र कुमार सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन द्वारा तिसरी और गांवा के हर क्षेत्रों में जिस प्रकार जागरूकता हेतु दीवाल लेखन हो या फिर कार्यक्रम के माध्यम से यह मैंने देखा है जो कबीले तारीफ है। अब मिलकर पूरे जिले में बाल विवाह रोकने का काम किया जायेगा। लेकिन इसके लिए शिक्षा को बढ़ावा देना तथा अन्य बाल शोषण के प्रति जागरूकता को प्राथमिकता देना होगा। जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी जीतू कुमार ने संबोधित कहा कि जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल विवाह, ट्रैफिकिंग, बाल श्रम जैसे बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकने के लिए संकल्पित है। यदि कहीं भी बाल विवाह हो रहा हो तो लोग निडर होकर सूचित करें। बाल विवाह रोकने के लिए कई स्तर पर कमिटी बनी हुई है, पर जरूरत है आगे आकर सूचना प्रदान करने की।

अंत में बाल प्रतिनिधि पूजा कुमारी ने इस माह अपने प्रयास से रोके गए 3 बाल विवाह में आए कठिनाइयों और प्रयासों के बारे में सभी से साझा करते हुए बताया कि किस प्रकार कठिनाइयों के बीच बाल विवाह को रोकने में उन्होंने सफलता हासिल किया। कार्यक्रम का संचालन गिरिडीह जिला निति आयोग समन्वयक सुश्री अंजलि बिन सिकदर ने किया

कार्यक्रम के दौरान उप विकास आयुक्त शशिभूषण मेहरा, गिरिडीह, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, गिरिडीह जिला, महिला पर्यवेक्षिका, जिला परिषद सदस्य, प्रमुख, मुखिया, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन से सुरेंद्र पंडित, रत्नेश तिवारी, उदय राय, राजेश सिंह, संदीप नयन, अमित कुमार, राजू सिंह, छोटेलाल पांडेय, बाल पंचायत के बच्चे सहित सैकड़ों प्रतिभागी उपस्थित रहे

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