देश के हर नागरिक को सुलभ न्याय उनका अधिकार: कृष्ण मुरारी शर्मा
Last Updated on June 22, 2024 by Gopi Krishna Verma
एक नज़र:
- भारतीय न्याय संहिता सहित तीनों नये कानूनों पर कार्यशाला सम्पन्न
- तीनों कानून से हित अहित दोनों पहलू पर हुई खुली चर्चा
गिरिडीह। आरटीआई फोरम’ गिरिडीह के द्वारा शनिवार को कृष्णानगर गिरिडीह में आगामी 01 जूलाई 2024 से लागू हो रहे तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता , भारतीय नागरिक सुरक्षा कानून, भारतीय साक्ष्य अधिनियम पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट ऑन रिकार्ड अरविंद गुप्ता, अधिवक्ता आलोक रंजन, सामाजिक कार्यकर्ता कृष्ण मुरारी शर्मा एवं प्रभाकर कुमार ने तीनों कानूनों की विस्तार से जानकारी दी । इस दौरान ए.ओ.आर अरविन्द गुप्ता ने नये कानून में लाए गए “सामाजिक कार्यों” वाले प्रावधानों समेत बाल अपराध एवं श्रम संबंधी कानूनों पर अपनी राय व्यक्त की। अधिवक्ता आलोक रंजन ने उपरोक्त कानूनों की अच्छाइयों पर चर्चा करते हुए कहा कि आने वाले समय में इस कानून में और सुधार होगा तथा जनता को इससे लाभ होगा।
सामाजिक कार्यकर्ता कृष्ण मुरारी शर्मा ने चर्चा के दौरान मनरेगा, सूचना का अधिकार कानून, सेवा का अधिकार कानून, वन अधिकार कानून, खाद्य सुरक्षा अधिनियम समेत अन्य कानूनों पर चर्चा करते हुए कहा कि इन कानूनों से जनता को ताकत मिली।
मौके पर समाजसेवी शंकर पाण्डेय ने चर्चा करते हुए बताया कि इस कानून को लागू करने से पहले संसद में इस पर बहस होना जरूरी है। संसद के 146 सांसदों को सस्पेंड करके इन तीनों कानूनों को पारित किया गया।
प्रभाकर कुमार ने चर्चा के दौरान संभावना व्यक्त की कि यह कानून पुलिस को और अधिक अधिकार देगा और संभावना जताई कि इंस्पेक्टर राज आएगा एवं हासिए पर पड़ी जनता को और कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।
सामाजिक कार्यकर्ता रामदेव विश्वबंधु ने कहा कि देशहित में कानून होना चाहिए और समय पर हर व्यक्ति को न्याय मिलना चाहिए। सामाजिक कार्यकर्ता राजेश सिन्हा और रामजी प्रसाद यादव ने कहा कि लोकतंत्र में जनता मालिक है लेकिन आजादी के 75 साल बाद भी वो हासिए पर है।
कार्यशाला में गौरीशंकर यादव, रितेश सराक, देवानंद हजरा, समाजसेवी विलियम जेकब, मो आलम, दिवस कुमार, कृष्ण कुमार वर्मा, विकास कुमार, अनिता हेम्ब्रम, निशा, मालती हांसदा, मुर्शीद मिर्जा, मो कबीर सहित कई लोग मौजूद थे।