बड़ी ख़बर: गिरिडीह के सात प्रतिष्ठानों की मिठाई जांच में फैल, जाने किन-किन दुकानों पर गिरेगी गाज
Last Updated on October 25, 2024 by Gopi Krishna Verma
मिलावटी व मानक अनुरूप खाद्य पदार्थ नहीं बेचने वालों पर कार्रवाई तय
गिरिडीह। जिले में खाद्य सुरक्षा प्रशासन के द्वारा खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 एवं उसके अधीन बनाए गए नियमों के अनुरूप खाद्य प्रतिष्ठानों जैसे खुदरा विक्रेता/थोक विक्रेता/स्टोर हॉउस/होटल/रेस्टोरेंट आदि का नियमित निरीक्षण किया जाता है और प्रतिष्ठानों से खाद्य नमूनों के रैंडम सेम्पल संगृहीत कर खाद्य जांच प्रयोगशाला भेजा जाता है। साथ-ही-साथ त्योहारों के सीजन में विशेष अभियान के तहत छापामारी कर नमूनों को संगृहीत किया जाता है।
इन प्रतिष्ठानों के खाद्य पदार्थ मानक के अनुरूप नहीं
राज्य खाद्य प्रयोगशाला से प्राप्त 14 नमूनों के जांच प्रतिवेदन में कुल सात नमूनें खाद्य सुरक्षा के मानक पर असफल पाए गए है। बाबा स्वीट्स एवं शुभम स्वीट्स, गांधी चौक, राजधनवार के लड्डू में मानक से अधिक फ़ूड कलर पाए जाने के कारन सबस्टैंडर्ड पाए गए है। वहीं बाबा सत्तू, राजधनवार, सबस्टैंडर्ड पाया गया है। दत्ता स्वीट्स, नगर थाना एवं सुरुचि स्वीट्स मकतपुर से लिए गए खोआ के नमूना में वसा की मात्रा काम पाए जाने के कारण सबस्टैंडर्ड कैटेगरी में फेल पाए गए है। अभिषेक कुमार, तिरंगा चौक एवं न्यू गुप्ता जेनेरल स्टोर से लिए गए निमकी एवं दालमोट के नमूने भी मानक पर खरे नहीं उतरे।
इन प्रतिष्ठानों की मिठाईयां जांच में उतरे खरे
केशरी मिष्टान, हुट्टी बाजार का पनीर, उत्सव मिष्टान कालीमंडा व नेमानी स्वीट्स, स्टेशन रोड का पेड़ा, सुदर्शन स्वीट्स, मकतपुर का काजुबर्फ़ी व चमचम मानक के अनुरूप पाए गए। बर्णवाल स्टोर, पंजाबी मुहल्ला एवं गिरिडीह मेडिको, स्टेशन रोड से लिए गए फ़ूड सप्लीमेंट के नमूना भी फ़ूड सेफ्टी के मानक के अनुरूप पाए गए है।
नीरज स्टोर, राजधनवार से लिया गया सरसों का तेल एवं निर्मला डेयरी, सिरिसिया से लिए गए गाय के दूध का नमूना भी फ़ूड सेफ्टी के मानक पर सफल पाए गए। खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी डॉ. पवन कुमार ने बताया कि खाद्य प्रतिष्ठानों का नियमित निरीक्षण कर नमूना का संग्रहण, विशेषकर त्यौहार को लेकर, अभियान चला कर किया जाएगा।
मानक के अनुरूप खाद्य पदार्थों को नहीं बेचने वाले पर कारवाई तय
ऐसे खाद्य कारोबारियों के विरुद्ध न्यायनिर्णयन पदाधिकारी-सह-अपर समाहर्ता के कोर्ट में केस दर्ज कराया जा रहा है। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के तहत सबस्टैंडर्ड खाद्य नमूनों के विरुद्ध अधिकतम 5 लाख रु. अर्थदंड, मिसब्रांडेड खाद्य नमूनों के लिए अधिकतम 3 लाख रु. अर्थदंड एवं असुरक्षित खाद्य नमूनों के लिए अधिकतम 6 साल कारावास एवं 5 लाख रु. के अर्थ दंड का प्रावधान है।