प्रतिमानाथ महादेव धाम, बिरनी के इस अनमोल धरोहर से नजरें फेर रही है सरकार
Last Updated on January 13, 2024 by Gopi Krishna Verma
यहां स्वयंभू शिवलिंग से लोगों कि आस्था हुई प्रबल
बिरनी। प्रकृति की गोद में बसे प्रतिमानाथ महादेव मंदिर क्षेत्र पर्यटन की असीमित संभावनाओं को अपने गोद में समेटे वर्षों से उपेक्षा का दंश झेल रहा है।
हम बात कर रहे हैं, बिरनी प्रखंड क्षेत्र के बाराडीह पंचायत में स्थित कलकल बहती बराकर नदी के तट पर रमणीक और सौंदर्य वादियों के बीच विराजमान प्रतिमानाथ महादेव जो न सिर्फ धार्मिक आस्था अपितु पर्यटन व पिकनिक स्पॉट के दृष्टिकोण से अत्यंत उपयुक्त स्थल रहा है। आबादी क्षेत्र से दूर जंगलों के बीच बराकर नदी का तट जुलाई से मार्च तक सैलानियों को लुभाने हेतु सज कर तैयार रहने वाली इस मनोरम घाटी में 14 जनवरी को विशेष सक्रांति मेला का आयोजन होता है। जहां लोहे की धातु से बनी पारंपरिक शस्त्र व कृषि उपयोगी वस्तुओं का क्रय और विक्रय करने के लिए दूर- दराज से लोग आते हैं और मेले का आनंद उठाते है। साथ हीं सक्रांति के समय उत्तरवाहिनी बराकर नदी में स्नान कर महादेव की पूजा अर्चना करते हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार मान्यता है कि यहां स्वयंभू शिवलिंग विराजमान है अर्थात् इस मनोरम स्थल पर धर्म और कर्म का एक अनूठा संगम है, जो शायद हीं कहीं देखने को मिलता है। हालांकि पर्यटन विभाग झारखंड सरकार के द्वारा 14 फरवरी, 2022 को जारी अधिसूचना संख्या 02 सह पठित ज्ञापांक 178 में प्रतिमानाथ महादेव क्षेत्र को स्थानिक पर्यटन क्षेत्र घोषित किया गया है; परंतु अभी तक अपेक्षित कार्य नहीं हो पाया है।
मानवाधिकार कार्यकर्ता राजेंद्र प्रसाद वर्मा ने कहा कि उसने इस मनोरम स्थल को पर्यटन के रूप में विकसित करने हेतु पर्यटन मंत्री झारखंड़ सरकार को पूर्व में पत्र लिखा था, जिसके फलस्वरूप मंत्रालय की और से पर्यटन स्थल के रूप में चिन्हित किया गया है। संभवतः बहुत जल्द ही इस मनोरम क्षेत्र के सौंदर्यकरण व विस्तारीकरण का कार्य प्रारम्भ किया जायेगा।
प्रतिमानाथ महादेव धाम समिति सदस्य सह साखाबारा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि राजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि इस स्थल पर प्रत्येक श्रावण मास एवं प्रत्येक माह के एकादशी तिथि को भगवान भोलेनाथ के दर्शन पूजन हेतु श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।