झांझ की पावन माटी से निकली दो हस्तियों की ऐतिहासिक मुलाकात: शिक्षा और आध्यात्म का भावुक संगम
Last Updated on March 1, 2025 by Gopi Krishna Verma

बिरनी। कहते हैं कि दोस्ती वक्त के साथ पुरानी जरूर होती है, लेकिन उसका प्यार और अपनापन कभी कम नहीं होता। कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला झांझ गांव में, जब महाकुंभ मेले प्रयागराज से लौटे।

श्री श्री 1008 महंत रधुनंदन दास त्यागी जी महाराज का भव्य स्वागत उनके बचपन के साथी और इम्पीरियल पब्लिक स्कूल के संस्थापक नागेश्वर प्रसाद वर्मा ने अपने घर पर किया। यह मुलाकात न केवल दो दोस्तों का पुनर्मिलन थी, बल्कि यह संदेश भी दे गई कि जीवन के अलग-अलग रास्तों पर चलते हुए भी सच्चे रिश्ते कभी कमजोर नहीं होते। महंत रधुनंदन दास त्यागी जी महाराज ने अध्यात्म के पथ पर चलकर समाज को धर्म और सद्भावना का संदेश दिया।

वहीं नागेश्वर प्रसाद वर्मा जी ने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाकर गांव के सैकड़ों बच्चों का भविष्य संवार दिया। लंबे समय के बाद दोनों ने जब एक-दूसरे को गले लगाया तो आंखें नम हो गईं और बचपन की यादें ताजा हो गईं। गांववासियों ने इस पल को ऐतिहासिक बताया और दोनों महान विभूतियों को गांव का गौरव बताया।
झांझ की यह ऐतिहासिक मुलाकात गांव के युवाओं के लिए उम्मीद की नई किरण बन गई है, जो आने वाली पीढ़ियों को यह संदेश देती है कि दोस्ती और कर्म से ही जीवन को सार्थक बनाया जा सकता है।