लोगों का आरोप मनमाने तरीके से वसूली करता है आधार संचालक, फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट के नाम पर वसूला जाता है मोटी
Last Updated on July 15, 2024 by Gopi Krishna Verma
बिरनी। प्रखंड क्षेत्र के बरहमसिया पंचायत भवन में संचालित आधार केंद्र के संचालक पर स्थानीय लोगों ने मनमाने तरीके से रुपए वसूली का आरोप लगाया है।
इस बीच वसूली से परेशान ग्राहकों ने मामले को लेकर यूआईडी के अधिकारियों से शिकायत भी किया; परन्तु विभाग के अधिकारी ने आजतक संज्ञान नहीं लिया। लोगों ने बताया कि वसूली का हिस्सा विभाग के अधिकारियों तक पहुंचता है। इस वजह से अधिकारी शिकायत को कूड़ेदान में डाल देते हैं। आधार केंद्र में आधार अपडेट करवाने आए अरविंद कुमार, विकास कुमार, सरफुद्दीन अंसारी, प्रियंका कुमारी समेत कई लोगों ने बताया कि उन्हें जन्मतिथि अपडेट करवाना था जिसे अपडेट करने के लिए केंद्र के ऑपरेटर ने 700 रुपए की मांग किया। जब पूछा अपडेट करने के लिए 100-150 लगता है तो इतना क्यों तो उन्होंने बताया कि करवाना है तो करवाइए इतना ही लगेगा।
फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट से बनता है आधार:
नाम नहीं बताने के शर्त पर कुछ लोगों ने बताया कि 0-5 वर्ष तक के बच्चों का आधार बनाने के लिए बर्थ सर्टिफिकेट की आवश्यकता होती है। केंद्र के ऑपरेटर अपनी जुगाड़ से यूपी एवं अन्य राज्य का बर्थ सर्टिफिकेट के माध्यम से आधार बनाकर मनमाना रकम की वसूली करता है। बताया कि इस तरह के केस में केंद्र के ऑपरेटर 1 से 2 हजार रुपए तक की वसूली भी करता है। वह आधार बनाने से पहले कह देता है कि यह बर्थ सर्टिफिकेट सिर्फ आधार बनाने के काम आएगा आपको हम दे नहीं सकते हैं।
जरूरी दस्तावेज के बाद भी बर्थ सर्टिफिकेट की आवश्यकता
लोगों ने बताया कि केंद्र के संचालक अपनी कमाई के लिए सभी को बर्थ सर्टिफिकेट की मांग करता है। यदि कोई मैट्रिक का सर्टिफिकेट,पेन कार्ड एवं अन्य कोई दस्तावेज भी देता है तो फिर भी उन्हें बर्थ सर्टिफिकेट की मांग किया जाता है। लोगों के पास बर्थ सर्टिफिकेट नहीं होता है तो केंद्र के संचालक जुगाड़ से बर्थ सर्टिफिकेट उपलब्ध करवाकर मनमाना रुपए की वसूली करता है।
क्या कहते हैं संचालक:
संचालक प्रकाश वर्मा ने बताया कि आरोप निराधार है। 0-5 वर्षों के बच्चों जिनका जन्म अस्पताल में हुआ है वह खुद बर्थ सर्टिफिकेट देते हैं तो उनका आधार बनता है।