हत्या, महिला उत्पीड़न, डायन प्रथा जैसी मानसिक कुरीतियों को समाज से पूर्ण रूप से खत्म करने में हर कोई दें अपना योगदान: डीएसडब्ल्यूओ
Last Updated on February 27, 2025 by Gopi Krishna Verma


एक नजर:
- अशोका इंटरनेशनल होटल, गांधी चौक में समाज कल्याण विभाग द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान को लेकर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन।
- जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, डुमरी/गिरिडीह सदर समेत अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया।
- नशा मुक्ति अभियान में समाज के हर वर्ग की भूमिका अहम है। सबको मिलकर इस अभियान को सफल बनाने में सहयोग करना होगा तभी हमलोग नशे के विरुद्ध इस अभियान में सफल होंगे: जिला समाज कल्याण पदाधिकारी
- हत्या, महिला उत्पीड़न, डायन प्रथा जैसी मानसिक कुरीतियों को समाज से पूर्ण रूप से खत्म करने में अपना हर संभव योगदान दें: जिला समाज कल्याण पदाधिकारी
गिरिडीह। महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के तत्वाधान में गुरुवार को गिरिडीह के अशोका इंटरनेशनल होटल में नशा मुक्त भारत अभियान को लेकर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
उक्त कार्यशाला का जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, डुमरी/गिरिडीह सदर समेत अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया।

मौके पर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, स्नेह कश्यप ने कार्यक्रम को संबंधित करते हुए कहा कि गिरिडीह जिले को नशामुक्त बनाने के उद्देश्य से आज नशा मुक्त भारत अभियान को लेकर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है ताकि इस अभियान के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक किया जाय और लोगों को नशे की चपेट में आने से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि नशा से सिर्फ एक व्यक्ति ही नहीं बल्कि उसका पूरा परिवार प्रभावित होता हैं। समाज में फैल रहे नशे को हमसभी को मिलकर रोकना होगा ताकि आने वाली पीढ़ी को नशा के सेवन से दूर किया जा सकें। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति अभियान में समाज के हर वर्ग की भूमिका अहम है। सबको मिलकर इस अभियान को सफल बनाने में सहयोग करना होगा तभी हमलोग नशे के विरुद्ध इस अभियान में सफल होंगे।

डायन कुप्रथा समाज के लिए सबसे बड़ा अभिशाप है: जिला समाज कल्याण पदाधिकारी
कार्यक्रम को संबंधित करते हुए जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, स्नेह कश्यप ने कहा कि डायन कुप्रथा समाज के लिए सबसे बड़ा अभिशाप है। इस कुप्रथा को दूर करने के लिए सरकार व जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है और हर संभव प्रयास कर रहे हैं। ताकि शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक प्रचार-प्रसार व नुक्कड़ नाटक के माध्यम से समाज में फैले अंधविश्वास को दूर करने का काम किया जा सके। उन्होंने कहा कि महिलाओं का समाज निर्माण में बहुत बड़ा योगदान होता है, महिलाओं को सशक्त व स्वाबलंबी बनाना सभी की जिम्मेदारी है। जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने सभी से आग्रह किया कि अपने जीवन में महिलाओं का सम्मान करें। भ्रूण हत्या, महिला उत्पीड़न, डायन प्रथा जैसी मानसिक कुरीतियों को समाज से पूर्ण रूप से खत्म करने में अपना हर संभव योगदान दें।

एकदिवसीय आयोजित कार्यशाला में सभी अतिथियों ने बारी-बारी से अपने अपने विचार रखें। मौके पर समाज कल्याण विभाग द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान और डायन कुप्रथा के विषय पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से बताया गया कि डायन प्रथा अंधविश्वास है। झाड़-फूंक को छोड़ो, डॉक्टर से नाता जोड़ों, नशा से दूर रहें, नशा नाश का दूजा नाम, तन मन धन तीनों बेकार, अपना नहीं तो परिवार का ख्याल करो, नशा छोड़कर, सबका कल्याण करों आदि जैसे स्लोगन के माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया।
मौके पर बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, गिरिडीह, डुमरी, बाल संरक्षण अधिकारी, डीसीपीयू यूनिट के अधिकारी, सभी सुपरवाइजर, सेविका, सहायिका समेत अन्य संबंधित विभाग के अधिकारी/कर्मी उपस्थित थे।