लीड्स के प्रखंड़ स्तरीय बाल संरक्षण कार्यशाला में बच्चों के अधिकारों पर चर्चा

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Last Updated on March 5, 2024 by Gopi Krishna Verma

गावां। मंगलवार को लीड्स संस्था द्वारा प्रखंड़ कार्यालय गांवा में प्रखंड़ स्तरीय बाल संरक्षण पर बैठक आयोजित किया गया।

बैठक में अरविन्द कुमार राणा ने बताया कि बच्चों का संरक्षण करना हमलोग की भूमिका है। उन्होंने बाल संरक्षण पर बात करते हुए कहा कि बच्चों (0 से 18 वर्ष आयु) की देखभाल और उनकी सुरक्षा के रूप में मिलने वाले मानवाधिकारों, व्यक्तिगत अधिकारों व उनके सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक अधिकारों को बाल अधिकार कहा जाता है। बच्चों को मानवीय अधिकारों के साथ-साथ उनके सर्वांगीण विकास के लिए जिन अधिकारों की प्राथमिक आवश्यकता होती है या यूं माने कि बच्चों को मानव और बच्चे होने के कारण जो अधिकार आवश्यक होते हैं, वे बाल अधिकार की श्रेणी में आते हैं और बच्चों को किसी भी प्रकार के खतरे व जोखिम की स्थिति में सुरक्षा का अधिकार है।

बच्चों के मानवाधिकारों और बाल अधिकारों के संरक्षण को ही बाल संरक्षण कहा जाता है। भारतीय संविधान और कानून व्यवस्था हमेशा से ही बच्चों के अधिकारों, समानता और उनके विकास के लिए प्रतिबद्ध रहा है।

मोनीदिपा साहा ने कहा कि ग्राम बाल संरक्षण समिति को सक्रिय बनाना है और बच्चों को चिन्हित करें कि कौन-कौन से बच्चे ईटा भट्ठा में काम कर रहे हैं। किसका बाल विवाह हो रहा है या होटलों में काम कर रहे हैं। इनसे बच्चों को सुरक्षा प्रदान करवाना ही हमारा काम है।

प्रखंड़ विकास पदाधिकारी महेंद्र रविदास ने बताया कि अनाथ बच्चों को सेस्पोंसरशिप योजना से लाभान्वित करवाएं और गावां प्रखंड़ में लीड्स संस्था सराहनीय काम कर रहा है।

मौके पर उपस्थित सिकंदर कुमार, अमित कुमार, आरती कुमारी एलएस, प्रमोद कुमार बीपीएम, उपेंद्र कुमार बबिता कुमारी, बेंकटेश कुमार आदि लोग थे।

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