जब बीच सड़क पर ही बच्चों को पढ़ाने लगे पूर्व विधायक राजकुमार यादव, अधिकारियों के छूटे पसीने, करीब पांच घंटे के बाद आश्वाशन मिलने पर छोड़ा गया बच्चों को
Last Updated on August 1, 2024 by Gopi Krishna Verma
गावां। बच्चों की शिक्षा के नाम पर अरबों खर्च किए जाते हैं। इसके बावजूद कई जगहों पर छात्रों को समुचित सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। ऐसे ही सुविधा के अभाव में हो रही पढ़ाई का विरोध भाकपा माले के पूर्व विधायक राजकुमार यादव ने किया।
एक साल पहले स्कूल का भवन गिर गया। भवन गिरने के बाद इसे फिर से बनाने का आश्वासन दिया गया; लेकिन इस दिशा में आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई। बच्चों को पढ़ाई के लिए पास के स्कूल में स्थानांतरित कर दिया गया। इस मुद्दे को लेकर कई बार विभाग से शिकायत की गई और भवन बनाने की मांग की गई। जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो धनवार के पूर्व विधायक बच्चों को लेकर सड़क पर उतर आए और बच्चों को सड़क पर ही पढ़ाना शुरू कर दिया।
मामला गावां प्रखंड के अमतरो का है। गुरुवार को यहां बच्चों को सड़क पर ही पढ़ाई करानी शुरू कर दी गई। धनवार के पूर्व विधायक और भाकपा माले नेता राजकुमार यादव के नेतृत्व में यह आंदोलन किया जा रहा है।यहां बताया गया कि अमतरो पंचायत के प्रावि अमतरो का भवन काफी जर्जर स्थिति में था। एक साल पहले भवन गिर गया था। सरकार से लगातार भवन बनाने की मांग की जा रही थी। लेकिन अब तक भवन नहीं बन पाया है। इसके बदले यहां के बच्चों को उत्क्रमित मध्य विद्यालय साढ़ा में शिफ्ट कर दिया गया। इसके बाद आश्वासन दिया गया कि जल्द ही भवन बन जाएगा और बच्चे अपने पुराने स्कूल में ही पढ़ाई करने लगेंगे। ऐसा नहीं हुआ। ऐसे में पूर्व विधायक ने आंदोलन शुरू कर दिया। आंदोलन शुरू करने से पहले पूर्व विधायक ने प्रशासन को लिखित सूचना दी।
कहा गया कि अगर भवन का निर्माण नहीं हुआ तो बच्चे सड़क पर ही पढ़ाई करेंगे। प्रशासन स्तर पर जब कोई पहल नहीं हुई तो पूर्व विधायक गुरुवार की सुबह नौ बजे बच्चों के साथ सड़क पर बैठ गए। सूचना मिलने पर बीडीओ, सीओ और थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे और पूर्व विधायक को समझाने का प्रयास किया लेकिन राजकुमार यादव ने साफ कह दिया कि जब तक इस समस्या का समाधान नहीं हो जाता, तब तक बच्चे सड़क पर ही पढ़ाई करेंगे।
पूर्व विधायक राजकुमार यादव इस कुव्यवस्था के लिए सांसद सह केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, विधायक बाबूलाल मरांडी, स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हैं। उनका कहना है कि भवन निर्माण की मांग बार-बार की गई, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि जब तक भवन की योजना स्वीकृत नहीं हो जाती, तब तक स्कूल ऐसे ही सड़क पर चलता रहेगा। करीब पांच घंटे के बाद गिरिडीह डीसी के गोपनीय शाखा प्रभारी के आश्वासन के बाद बच्चों को छुट्टी दी गई। लिखित आश्वाशन में बताया गया कि पंद्रह दिनों के अंदर अंचल कार्यालय के द्वारा जमीन उपलब्ध कराने के साथ साथ शिक्षा विभाग स्कूल भवन निर्माण किया फंड की व्यवस्था करेंगे। यदि पन्द्रह दिनों के अंदर स्कूल भवन का निर्माण कार्य नहीं शुरू हुई तो सोलहवां दिन उग्र प्रदर्शन शुरू कर दिया जायेगा।