1972 से रेम्बा दुर्गा मंदिर में हो रही है पूजा जर्जर मंदिर के बगल में भव्य मंदिर निर्माणाधीन
Last Updated on October 5, 2024 by Gopi Krishna Verma
जमुआ। रेम्बा में शरदीय नवरात्र के अवसर पर विशेष विधि विधान से प्रतिमा पूजन की जाती है।1972से यहां पूजा हो रही है। उसके पहले यहां के लोग मेला देखने बैलगाड़ी या पैदल किसगो अथवा राजधनवार जाते थे।
गांव के कतिपय सामाजिक सोच के लोगों ने मठ के पास बैठक कर रेम्बा में दुर्गा जी की प्रतिमा उठाने का संकल्प लिया।
कौन-कौन थे स्थापना में अगुवा: रेम्बा दुर्गा मंदिर स्थापना में अगुआई भोलानाथ दूबे, शंभू नाथ दूबे, डॉ. बालगोविंद दूबे, कविराज लालजीत तिवारी, जयराम राणा, दीना मंडल, श्यामसुंदर द्विवेदी, सूकर मंडल, बाजो राम, प्रहलाद राम, जागो महतो, हरिलाल राम सहित गांव कई लोगों ने मिलकर दुर्गा पूजा समिति बनाई और हर वर्ष प्रतिमा पूजन शुरू किया।
प्रारंभिक काल से वर्ष 2021 तक आचार्य जाने-माने विद्वान पंडित विजय नंदन पांडेय रहे। उनके निधन के बाद उनके ही शिष्य पंडित आदित्यनाथ शास्त्री आचार्य पद को सुशोभित किए हैं। मंदिर संचालन के लिए तीन तीन कमिटीयां सक्रिय हैं। पूजा पाठ के लिए श्री दुर्गा पूजा समिति, विकास के लिए श्री दुर्गा पूजा व्यवस्था,(स्थायी)समिति और मंदिर निर्माण समिति। तीनों समितियों में समन्वय के लिए एक कोर कमिटी बनाई गई है जिसमें सुधीर द्विवेदी, आशीष द्विवेदी, भोला नाथ द्विवेदी, अशोक द्विवेदी, सुखदेव महतो, सत्य नारायण महतो, रामदेव विश्वकर्मा, अभिमन्यु राम, संजीव गुप्ता, संत शरण, नेमचंद बैठा, भागीरथ राम, भोला मंडल, गुलाब मंडल, सत्यनारायण राणा, बजरंग लाल राणा, आनंदी तुरी, मनोहर पंडित, प्रभात गुप्ता सहित कई लोग हैं।
वर्तमान पूजा समिति में रामेश्वर राम अध्यक्ष, लालजीत साव कार्यकारी अध्यक्ष, उदय द्विवेदी कोषाध्यक्ष, पवन द्विवेदी कार्यकारी कोषाध्यक्ष, राहुल राम सचिव, अजय दुबे उपाध्यक्ष, राजन दूबे कार्यक्रम प्रभारी, पवन राम कार्यक्रम संयोजक नेमचंद बैठा संयोजक एवं करमनी पंडित सह संयोजक बनाए गए हैं।