अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस आयोजन को लेकर गिरिडीह कॉलेज में एनएसएस की बैठक
Last Updated on March 6, 2024 by Gopi Krishna Verma
गिरिडीह। बुधवार को गिरिडीह कॉलेज गिरिडीह में एनएसएस इकाई-2 एवं आई क्यू एसी के तत्वावधान में एनएसएस-2 की प्रभारी प्रो. अरुणिमा सिंह ने छात्र छात्राओं के बीच ‘पुरुष उत्पीड़न’ जैसे नए विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. अनुज कुमार ने किया तथा मंच संचालन प्रो धर्मेंद्र कुमार ने किया। डॉ. अनुज कुमार ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के समीप होने पर भी पुरुष उत्पीड़न जैसे नए मुद्दे पर संगोष्ठी विचारणीय है। उन्होंने कहा कि सदियों से पुरुष उत्पीड़ित होते आ रहे हैं। कैकेई के उत्पीड़न से ही दशरथ ने आहत होकर राम को वनवास दिया।
आज के पुरुष भी उत्पीड़ित होते हैं; लेकिन मुंह नहीं खोलते हैं। आवश्यकता है स्त्री और पुरुष दोनों के आपसी तालमेल का, तभी आदर्श परिवार की स्थापना हो सकती है। प्रो. सतीश यादव ने कहा कि वर्तमान समय में पुरुषों का उत्पीडन की पृष्ठभूमि को समझना आवश्यक है। पुरुष उत्पीड़न का प्रभाव मनोवैज्ञानिक रूप से घातक है।
प्रो. विनीता कुमारी ने कहा कि महिला और पुरुष समाज के दो पहिए हैं जिनके सहयोग से ही विकसित समाज का निर्माण होता है; इसलिए वर्तमान में दोनों को एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए ताकि न ही महिला और न ही पुरुष का उत्पीडन हो। इस विषय पर आयोजित संगोष्ठी में प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया गया जिसमें प्रथम पुरस्कार छात्रा हीना परवीन एवं द्वितीय पुरस्कार विकास कुमार को दिया गया।
मौके पर प्रो. रश्मि कुमारी, प्रो. आशा रजवार, रंजीत, हीरालाल, अवधेश मिश्रा, सिमरन, राहुल यादव, विशाल आदि सैकड़ों छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।