पीएम विश्वकर्मा योजना पर एक दिवसीय जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन
Last Updated on February 2, 2024 by Gopi Krishna Verma
200 शिल्पकारों और कारीगरों को दी गई विस्तृत जानकारी
गिरिडीह। शुक्रवार को गिरिडीह समाहरणालय सभागार में भारत सरकार, एमएसएमई मंत्रालय के शाखा एमएसएमई-विकास कार्यालय, धनबाद द्वारा गिरिडीह जिले में पीएम विश्वकर्मा योजना पर आधारित एक दिवसीय जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लाभार्थियों को योजना से मिलने वाले लाभ, पात्रता एवं आवेदन की प्रकिया इत्यादि के बारे में वृहद रुप से जानकारी देना एवं जागरुक करना है।
कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्वाह्न 11.00 बजे कॉन्फ्रेंस हॉल, उपायुक्त कार्यालय, गिरिडीह में मुख्य अतिथि श्री गुलाम समदानी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, गिरिडीह के द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया। कार्यक्रम के संयोजक सुजीत कुमार, सहायक निदेशक द्वारा उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि एवं सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया गया।
उन्होंने कार्यक्रम के उद्देश्य एवं रूप-रेखा से अवगत कराते हुए बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना में 18 पारंपरिक विद्याओं में कार्य करने वाले कारपेंटर, नाव बनाने वाले, अस्त्र बनाने वाले, लोहार, ताला बनाने वाले, हथौड़ा और टूलकिट बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, इलिया, चटाई. झाडू बनाने वाले, गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, मछली का जाल बनाने वाले कारीगर और शिल्पकार सम्मिलित हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना के तहत चयनित लाभार्थियों को 5-7 दिन का प्रशिक्षण एवं रुपए 500/- प्रतिदिन की दर से स्टाइपेंड देय होगा तथा प्रशिक्षण उपरान्त टूल किट हेतु 15 हजार रुपए ई-वाउचर के रूप में प्राप्त होंगे। प्रथम चरण में एक लाख रुपए तका का ऋण तथा द्वितीय चरण में दो लाख रूपए तक का कोलेटरल फ्री ऋण (5 प्रतिशत ब्याज की दर से) की व्यवस्था की गई है। प्रशिक्षण प्राप्त करने पर पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र और पहचान पत्र उपलब्ध कराए जाएंगे।
मुख्य अतिथि गुलाम समदानी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, गिरिडीह ने कार्यक्रम के उद्घाटन में अपने अभिभाषण में कहा कि भारत सरकार की ओर से प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, विश्वकर्मा जयंती दिनांक 17 सितम्बर, 2023 को प्रधानमंत्री जी के द्वारा डिजिटली लांच (लागू) की गई थी। भारत सरकार के द्वारा इस योजना को प्रारंभ करने का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को आर्थिक सहायता एवं उन्नत उपकरण प्रदान करते हुए उनके व्यवसाय में बढ़ोतरी कराना है जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके। उन्होंने सभा में उपस्थित 18 पारंपरिक विद्याओं में कार्य करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों से इस योजना का लाभ लेने हेतु ज्यादा से ज्यादा संख्या में पंजीकरण कराने का आह्वान किया।
उद्घाटन सत्र में सम्मानित अतिथि जगन्नाथ दास, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र, गिरिडीह, एस मोहन्ती, एलडीएम, गिरिडीह, रवि शंकर, सहायक श्रम आयुक्त, गिरिडीह, रश्मि सिन्हा, डीपीआरओ, गिरीडीह एवं पंकज कुमार, डीपीएम, जेएसएलपीएस, गिरिडीह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर), गिरिडीह के प्रबंधक पप्पु कुमार ने इस योजना में रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया, पात्रता एवं मिलने वाले लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। कार्यक्रम में सीएससी की ओर से एक “ऑन द स्पॉट रजिस्ट्रेशन” शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें कई पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों का इस योजना के तहत पंजीकरण भी किया गया।
सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर), गिरिडीह के प्रबंधक पप्पु कुमार ने कार्यक्रम की समाप्ति पर सभा में उपस्थित सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। गिरिडीह जिले के लगभग 200 शिल्पकारों और कारीगरों ने इस जागरूकता कार्यक्रम में शामिल होकर पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त किया। शाखा एम.एस.एम.ई. विकास कार्यालय, धनबाद के कार्मिक राकेश कुमार एवं एस. के. झा ने कार्यक्रम के सफल आयोजन में संपूर्ण सहयोग किया।