आउटसोर्सिंग कर्मियों का 11 सूत्री मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना

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Last Updated on February 11, 2024 by Gopi Krishna Verma

गिरिडीह। जिले के विभिन्न विभागों में कार्यरत आउट सोर्सिंग कर्मियों द्वारा रविवार को झंड़ा मैदान में एक दिवसीय धरना दिया गया। यह धरना झारखंड राज्य आउटसोर्सिंग कर्मचारी संघ के बैनर तले दिया गया।

आउटसोर्सिंग कर्मियों की ग्यारह सूत्री मांगें इस प्रकार है:

एक दिवसीय धरना के दौरान आउटसोर्सिंग कर्मी

1. झारखंड़ सरकार के अधीन सरकारी विभागों/कार्यालयों/निगमों / उपक्रमों आदि में कार्यरत सभी आउटसोर्सिंग कर्मियों यथा-कम्प्यूटर ऑपरेटर / डाटा इन्ट्री ऑपरेटर, अमीन, वाहन चालक, सफाई कर्मी, माली, खानसामा आदि को आउटसोर्सिंग एजेंसी से मुक्त करते हुए संबंधित विभाग अंतर्गत संविदा / अनुबंध में समायोजित किया जाए।

2. इस प्रकार समायोजित कम्प्यूटर ऑपरेटर / डाटा इन्ट्री ऑपरेटर को वित्त विभाग, झारखंड़ सरकार के संकल्प संख्या-1284/वि०, दिनांक 03.05.202 द्वारा कम्प्यूटर ऑपरेटर के लिए निर्धारित मासिक परिलब्धि का भुगतान किया जाए।

3. अन्य कर्मियों यथा-अमीन, वाहन चालक, सफाई कर्मी, माली, खानसामा आदि के लिए 7वें वेतन पुनरीक्षण के अनुरूप वित्त विभाग द्वारा सम्मानजनक वेतन / संविदा राशि निर्धारित करते हुए इसका लाभ दिया जाए।

4. झारखंड़ राज्य के सभी विभागों / जिला/अनुमंडल/अंचल / प्रखंड़ कार्यालयों में वर्तमान में कार्यरत बल के अनुसार कम्प्यूटर ऑपरेटर, अमीन, वाहन चालक, सफाई कर्मी, माली, खानसामा आदि का पद सृजित करते हुए कार्यरत कर्मियों को स्वीकृत पद के अनुरूप समायोजित किया जाए।

5. 60 वर्ष की आयु तक सभी की सेवा सुरक्षित की जाए।

6. भविष्य निधि का प्रावधान किया जाए।

7. सेवाकाल के दौरान दुर्भाग्यवश मृत्यु हो जाने पर एक माह के अंदर अनुकम्पा के आधार पर आश्रित को संविदा पर नियोजन का प्रावधान किया जाए।

8. महिलाओं को न्यूनतम 90 दिनों का मातृत्व अवकाश (सवैतनिक) का लाभ दिया जाए।

9. पुरूषों को न्यूनतम 30 दिनों का पितृत्व अवकाश (सवैतनिक) का लाभ दिया जाए।

10. स्वास्थ्य बीमा एवं जीवन बीमा का प्रावधान किया जाए।

11. आकस्मिक अवकाश के अतिरिक्त स्वास्थ्य एवं अन्य आवश्यक कारणों के लिए वर्ष में न्यूनतम 24 दिनों का अर्जित अवकाश का प्रावधान किया जाए।

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