राजभवन बना राजनीति का अड्डा: संजय सिंह

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Last Updated on February 1, 2024 by Gopi Krishna Verma

बंद झामुमो ने नहीं विभिन्न आदिवासी संगठनों ने बुलाया था: झामुमो

गिरिडीह। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को ईडी द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद 01 फरवरी को झारखंड बंद का ऐलान किया गया था। गुरुवार को झामुमो के जिलाध्यक्ष संजय सिंह ने प्रेस वार्ता कर इस संबध में जानकारी देते हुए कहा कि झारखंड बंद का ऐलान झामुमो पार्टी के द्वारा नहीं किया गया है।

उन्होंने बताया कि बंद का ऐलान विभिन्न आदिवासी संगठनों के द्वारा किया गया है। संजय सिंह ने झामुमो कार्यकर्ताओं से संयम रखने की अपील की और बंद से झामुमो का कोई सरोकार नहीं रखने की बात कही। प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुयोग कर विपक्षी पार्टियों को अपने साथ लाने का प्रयास कर रही है। केंद्रीय एजेंसियों का दुरुयोग कर सिर्फ विपक्ष के नेताओं को टारगेट कर उनके खिलाफ साज़िशें रची जा रही है। हेमन्त सोरेन के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को भी उन्होंने राजनीति से प्रेरित बताया।

जिलाध्यक्ष ने कहा कि सिविल मामले का फर्जी मुकदमा करवा कर भाजपा के लोग हेमन्त सोरेन को परेशान कर रहे हैं। केंद्रीय एजेंसियों को स्वतंत्र रूप से काम करने नहीं दिया जा रहा है; बल्कि उनका उपयोग सिर्फ विपक्ष को परेशान करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने भाजपा के शिवराज सिंह चौहान, अजीत पवार, यदुरप्पा, हेमन्त बिसवा आदि का नाम लेते हुए कहा कि ईडी और सीबीआई का इनके खिलाफ कोई कार्रवाई या कोई जांच नहीं किया जाना इस बात का प्रमाण है कि भाजपा सिर्फ राजनीतिक द्वेष में गैर-भाजपा शासित राज्यों के नेता जो भाजपा के एजेंडे को मानने से इंकार करते हैं। उन्हें टारगेट कर केंद्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है। झारखंड़ की जनता समय आने पर माक़ूल जवाब देगी।

प्रेस वार्ता के दौरान झामुमो जिलाध्यक्ष ने राज्यपाल पर भी पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि संवैधानिक पद पर रहने के बाद भी राज्यपाल अपना कर्तव्य धर्म नहीं निभा रहे हैं। कहा कि हेमन्त सोरेन के इस्तीफे के बाद झामुमो एवं सहयोगी दल ने अपने गठबंधन दल का नेता चुन कर राज्यपाल के पास पहुंचे थे। मगर राज्यपाल ने विधायकों से मिलने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि राजभवन राजनीति का अड्डा बन गया है और राज्यपाल भाजपा के नेता की तरह काम कर रहे हैं जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

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